केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नियमों का जो मसौदा रखा है, उसमें बताया गया है फ़ोटो पहचान पत्र और निवास प्रणाम के बिना तेज़ाब नहीं ख़रीदा जा सकेगा. यही नहीं, तेज़ाब की बिक्री के लिए दुकानदार को भी लाइसेंस लेना होगा.

केंद्र सरकार ने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि अब तेज़ाब को ज़हर की श्रेणी में रखा जाएगा.

सरकार ने खुले बाज़ार में तेज़ाब की बिक्री को नियंत्रित करने के उपायों पर एक हलफ़नामा और इसकी ख़रीद-बिक्री को लेकर नियमों का मसौदा मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल किया.

अगली सुनवाई 18 को

नौ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाई थी कि वे खुले बाज़ार में तेज़ाब की बिक्री रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही हैं जबकि रोज़ ही तेज़ाब से हमलों के मामले सामने आ रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार 16 जुलाई (मंगलवार) तक इस सिलसिले में की जा रही कार्रवाई के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं देती तो कोर्ट ख़ुद ही खुले बाज़ार में तेज़ाब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा देगा.

केंद्र सरकार ने एसिड हमलों की पीड़ितों के पुनर्वास का एक मसौदा भी अदालत के सामने रखा. इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी जिसमें सुप्रीम कोर्ट नियमों और पुनर्वास से मसौदे पर विचार करेगा.

इससे पहले 16 अप्रैल को अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चिंता ज़ाहिर की थी कि देश भर में तेज़ाब से हमले के मामले बढ़ रहे हैं. और इसका एक कारण यह है कि देश में आसानी से तेज़ाब खरीदा जा सकता है.

पीड़ित की मांग

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में 2006 में तेज़ाब के हमले में घायल नाबालिग़ लक्ष्मी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. तेज़ाब के इस हमले में लक्ष्मी के हाथ, चेहरा और शरीर के दूसरे हिस्से झुलस गए थे.

इस याचिका में लक्ष्मी ने नया क़ानून बनाने या फिर भारतीय दंड संहिता, साक्ष्य कानून और अपराध प्रक्रिया संहिता में ही उचित संशोधन करके ऐसे हमलों से निपटने का प्रावधान करने और पीड़ितों के लिए मुआवज़े की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था.

आरोप है कि लक्ष्मी पर तुगलक रोड के पास तीन युवकों ने तेज़ाब फेंक दिया था क्योंकि उसने इनमें से एक से शादी करने से इनकार कर दिया था.

इस मामले में अभियुक्तों पर हत्या के आरोप में मुक़दमा चल रहा है और इनमें से दो व्यक्ति इस समय ज़मानत पर हैं.

अदालत ने पिछले साल 29 अप्रैल को गृह मंत्रालय से कहा था कि इस मामले में उचित नीति तैयार करने के इरादे से राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ तालमेल किया जाए.

International News inextlive from World News Desk