- छेड़खानी, किडनैपिंग और रेप के मामलों को देखते हुए निशाने पर आये ऑटोरिक्शा वाले

- थ्री व्हीलर्स को लेकर पहले से बने नियमों को पालन कराने में अब होगी कड़ाई

- पैसेंजर्स सेफ्टी के लिए बनाए गए रूल्स को फॉलो न करने वाले ऑटोज के खिलाफ चल रहा अभियान

VARANASI : शहर में हजारों ऑटोरिक्शा हैं। लेकिन सेफ्टी के लिहाज से कुछ को ही सेफ कहा जा सकता है। सैकड़ों ऐसे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन नम्बर तक आप नहीं पढ़ सकते। मगर ऐसे ऑटोरिक्शा वालों को अब नम्बर लिखना ही होगा। सिर्फ ऑटो के आगे-पीछे नहीं बल्कि अंदर भी। देखिये और क्या-क्या कराया जा रहा है ऑटोरिक्शा वालों से, अंदर के पेज पर।

अब तो नम्बर लिखना ही पड़ेगा

सिटी के आटो ड्राइवर्स को अब नियम-कानून को फॉलो करना पड़ेगा। उन्हें सिर्फ ऑटो के आगे-पीछे ही नहीं बल्कि ऑटो के अंदर भी रजिस्ट्रेशन नम्बर लिखना पड़ेगा। लोकल पुलिस का कॉन्टेक्ट नम्बर भी दर्शाना पड़ेगा। सिटी में लेडीज के साथ बढ़ते क्राइम को देखते हुए एक बार फिर पुलिस-एडमिनिस्ट्रेशन को नियमों की याद आ गयी है। उसके टारगेट पर ऑटो ड्राइवर्स हैं। उनके लिए बनाए बनाए नियमों का पालन हो रहा है या नहीं इसे चेक करने लिए टै्रफिक और सिविल पुलिस की ओर से जोरदार अभियान चलाया जा रहा है। आदेश न मानने वालों हत्थे चढ़े तो उनके अगेंस्ट हार्ड एक्शन लिया जाएगा।

चलाया जा रहा है अभियान

टै्रफिक और सिविल पुलिस अभियान चला रही है। सिटी में दौड़ने वालों ऑटोज की चेकिंग की जा रही है। उनके रजिस्ट्रेशन को चेक किया जा रहा है। उनके सिटी परमिट को चेक किया जा रहा है। इसके साथ पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए बनाए गए रूल्स को ऑटो ड्राइवर्स फॉलो कर रहे हैं या नहीं इसको विशेष तौर पर चेक किया जा रहा है। रूल्स फॉलो न करने वालों को आटो का रजिस्ट्रेशन लिखने के लिए वक्त दिया जा रहा है। लोकल पुलिस के इम्पॉर्टेट नम्बर लिखने के लिए कहा जा रहा है। तय समय के बाद भी ऐसा न करने वाले आूटो ड्राइवर्स का लाइसेंस रद करने, आटो का परमिट खत्म करने के साथ जुर्माना लगाने की चेतावनी दी जा रही है। एक सप्ताह बाद से ऑटो ड्राइवर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

बढ़ रही हैं घटनाएं

सिटी में लेडीज के साथ क्राइम बढ़ता जा रहा है। कई मामलों में आटो ड्राइवर्स की संलिप्तता मिली है। क्ख् जून को आटो ड्राइवर्स ने एक मानसिक रूप से बीमार महिला को अगवा करके अपनी हवस का शिकार बनाया। एक जून को मंडुवाडीह में महिला की सिरकटी लाश मिली थी। इस मामले में भी पुलिस को ऑटो डाइवर्स की संलिप्ता का पता चला था। सिगरा में ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स के साथ छेड़खानी में ऑटो ड्राइवर शामिल रहा है। सिटी के एक कोने से दूसरे तक दौड़ने वाले ऑटोज में क्राइम की लिस्ट काफी लम्बी है।

ऑटो में हो रहा क्राइम

-रेलवे और बस स्टेशन के शहर में आने वाले पैसेंजर्स के साथ जहरखुरानी में आटो ड्राइवर्स की भूमिका कई पार पायी गयी है।

-पैसेंजर्स के साथ कई बार ऑटो ड्राइवर्स की हेल्प से लूट की घटना को अंजाम दिया जा चुका है।

-चोरी के सामान को ठिकाने लगाने में ऑटोज का यूज जनरल बात है, ऑटोज में जेबकतरी तो बेहद आम घटना है।

-ऑटोज में किसी पैसेंजर्स का कोई सामान छूट जाए तो खोजना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।

-अक्सर किराए के विवाद में आटो ड्राइवर्स पैसेंजर्स के साथ मारपीट कर लेते हैं।

-कई बार लूट जैसी बड़ी घटना में भी ऑटो का इस्तेमाल किया जा चुका है।

-इलीगल वेपन और ड्रग्स आदि सप्लाई के लिए ऑटोज का यूज मुफीद माना जाता है।

टै्रफिक रूल इनके ठेंगे पर

-सिटी में सबसे अधिक टै्रफिक रूल्स तोड़ने वालों में ऑटो ड्राइवर हैं

-सवारी के चक्कर में ज्यादा ही स्पीड में रोड पर दौड़ते हैं और मनमाना स्थान पर रोकते हैं

-वनवे का रूल्स को ज्यादातर ऑटो ड्राइवर्स फॉलो नहीं करते हैं

-आटो में चार सवारी बिठाने की छूट है लेकिन पांच, छह सात सवारी तक बिठाते हैं

-मनाही के बावजूद तेज आवाज में म्यूजिक सिस्टम बजाते हैं

-रोक के बाद भी प्रेशर हार्न का यूज करते हैं

-कलर निर्धारित होने के बाद भी मनमाना कलर इस्तेमाल करते हैं

-सिटी में चलने के लिए साढ़ें पांच हजार ऑटो को परमीशन है

-इसके दो गुना आटो शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं

-किराया तय होने के बाद भी मनमाना किराया वसूलते हैं

-शहर में हर आधा किलोमीटर पर ऑटो स्टैण्ड बना दिया है

-बेतरतीब तरीके से रोड को घेरकर ऑटो खड़ा करते हैं

यह बनाए गए हैं नियम

-दिल्ली में निर्भया कांड के बाद सिटी के रोड पर चलने वाले ऑटोज के लिए रूल्स बनाए गए।

-इसके तहत सिटी में सिर्फ वही आटो चल सकते हैं जिनके पास परमिट है।

-ऑटो का रजिस्ट्रेशन नम्बर मानक के अनुसार आगे और पीछे नम्बर प्लेस पर लिखा होना चाहिए।

-ऑटो के अंदर उसका रजिस्ट्रेशन साफ-साफ नम्बर लिखना जरूरी है ताकि उसे आसानी से पढ़ा जा सके।

-ऑटो के अंदर ड्राइवर का नाम और लाइसेंस नम्बर भी होना चाहिए

-ऑटो के अंदर पुलिस के इमरजेंसी नम्बर के अलावा आला अधिकारियों के मोबाइल नम्बर मौैजूद रहने चाहिए।

-आटोज पर पर्दे आदि नहीं लगे रहने चाहिए ताकि अंदर कौन है यह साफ दिख सके

नियम का नहीं होता है पालन

-सिटी के आटोज में ढेरों ऐसे हैं जिनपर स्टाइलिश नम्बर प्लेट है

-तमाम ऑटोज में पर्दा लगा हुआ है

-सिटी आटे के अंदर उसका रजिस्ट्रेशन नम्बर नहीं लिखा है

-पुलिस अधिकारियों के नम्बर भी ऑटोज के अंदर नहीं है

-हजारों इलीगल ऑटो सिटी के रोड्स पर दौड़ रहे हैं

-इन्हें चलाने वाले कई ड्राइवर्स के पास तो लाइसेंस तक नहीं है

क्यों जरूरी है नियम

दिल्ली गैंगरेप कांड के बाद लेडीज की सेफ्टी के लिए ऑटोज को लेकर रूल्स बनाए गए। रजिस्ट्रेशन और पुलिस के आला अधिकारियों के नम्बर अंदर लिखे जाने से पैसेंजर्स इन्हें आसानी से देख सकेंगे। किसी इमरजेंसी के दौरान मदद की गुहार लगा सकते हैं। साथ ही ऑटो और ऑटो ड्राइवर की पहचान भी आसानी हो सकती है।

सिटी में रूल्स फॉलो नहीं करने वाले आटो के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। बिना परमिट के सिटी में चलने वाले ऑटो को बाहर किया जा रहा है। रूल्स फॉलो नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही ऑटो ड्राइवर्स को नियमों की जानकारी भी दी जा रही है

त्रिभुवन सिंह, एसपी टै्रफिक

लेडीज की सेफ्टी बेहद जरूरी है। इसके लिए बनाए गए रूल्स को आटो ड्राइवर्स फॉलो करें यह जरूरी है। रूल्स फॉलो न करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। उन्हें चेतावनी दी जा रही है और कार्रवाई भी की जा रही है।

राहुल राज, एसपी सिटी