-महिला मरीजों को उनकी सहूलियत के मुताबिक दिए जाएंगे वस्त्र

PATNA: प्रदेश के सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीज अब मनचाही पोशाक नहीं पहन सकेंगे। राज्य के अस्पतालों में अगले महीने से ड्रेस कोड लागू हो जाएगा। इसके तहत अस्पताल की ओर से पुरुष मरीजों को सूती पायजामा-कुर्ता और महिला मरीजों को उनकी सहूलियत के मुताबिक पोशाक दी जाएगी।

पिछले वर्ष सात अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस के मौके पर घोषणा की थी कि सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को हस्तकरघा उत्पादित वस्त्र पहनने को दिए जाएंगे। सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला एवं सदर अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए पोशाक देने की प्रक्रिया का निर्धारण कर दिया गया है।

9.95 करोड़ रुपए का आवंटन

स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज-अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए सबसे पहले ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया है। बाद में इसे जिला व सदर अस्पतालों में प्रभावी बनाया जाएगा। योजना कार्यान्वयन की जिम्मेदारी राज्य स्वास्थ्य समिति को सौंपी गई है.सरकार ने इस वर्ष से योजना को प्रभावी बनाने और अस्पतालों को पोशाक की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को 9.95 करोड़ रुपए का आवंटन दिया है। संभावना जताई गई है कि अगले महीने से मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मरीजों के लिए ड्रेस कोड की व्यवस्था बहाल हो जाएगी।

आठ साल पहले बनी थी योजना

स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए पोशाक आपूर्ति की योजना आज से आठ वर्ष पहले 2011 में बनाई थी। इसे मंजूरी भी दी गई। शुरुआती दौर में इस योजना को छह मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में प्रभावी किया जाना था। परन्तु फैसला होने के बाद भी योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी। अब मुख्यमंत्री की पहल पर योजना पर दोबारा काम शुरू हो गया है।