पटना (ब्यूरो)। बिहार में सभी कॉलेजों में वर्ष 2020 तक च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया जाना है। इसके मद्देनजर पटना यूनिवर्सिटी जोर-शोर से तैयारी में जुट गई है। पटना यूनिवर्सिटी (पीयू) के वीसी डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल को इसके लिए पढ़ाई के साथ-साथ इस नई व्यवस्था के मुताबिक सिलेबर्स डिजाइन करने का निर्देश दिया है। यह अभी पीयू में लागू तो जरूर है लेकिन इसे सभी कोर्सेज और सभी कॉलेजों में लागू कराने की योजना है।

डीन को दी गई है जिम्मेदारी
अलग-अलग विषय के लिए डीन की देखरेख में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू करने पर जोर दिया जा जा रहा है। इनमें यूनिवर्सिटी स्तर पर साइंस, ह्यूमनिटीज, कॉमर्स आदि के डीन जोर-शोर से लगे हुए हैं। जानकारी के अनुसार यूजी और पीजी लेवल पर इसे लागू किया जाना है।

कोर्स में बदलाव क्यों
दरअसल जहां भी च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम लागू किया जाता है वहां कोर्स में बदलाव किया जाता है। क्योंकि इसमें यह देखना पड़ता कि कौन के विषय को कितनी समयावधि तक पढ़ाना है और उसमें कितना क्रेडिट दिया जाएगा। इसकी एक खासियत यह भी है कि इस व्यवस्था के लागू होने से कोई छात्र यदि अबसेंट रहता है या एडमिशन ही देर से लेता है तो उसे नुकसान झेलना पड़ता है। क्योंकि इसमें मूल्यांकन का समय पहले से निर्धारित होता है। जैसे यदि कोई छात्र देर से एडमिशन लेता है तो उसे कम क्रेडिट मिलेगा।

पसंदीदा विषय पढ़ सकेंगे
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के बारे में डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ एनके झा ने बताया कि इस व्यवस्था में पसंदीदा विषय छात्र अपने स्ट्रीम से हटकर दूसरे विषय को चुनकर पढ़ सकते हैं। जानकारी हो कि इस व्यवस्था को यूजीसी ने पहले ही लागू किया था। लेकिन इसके लिए तैयारियों के अभाव में बिहार में अभी भी यह नई चीज है। हालांकि इस व्यवस्था से छात्रों को माइग्रेशन, ट्रांसफर आदि में कोई परेशानी नहीं आएगी। इस व्यवस्था से छात्रों के बेहतर व्यक्तित्व विकास का भी अवसर मिलेगा। इसमें स्ट्रीम से हटकर एक या दो विषय पढ़ सकेंगे।

कोर्स डिजाइन जटिल कार्य
इस व्यवस्था को लागू करने के लिए कोर्स डिजाइन की नई व्यवस्था लागू करना होगा। पीयू के शिक्षकों को संबंधित विषय के डीन की देखरेख में इसे पूरा करने का मौका दिया जा रहा है। हाल ही में वाणिज्य महाविद्यालय के यूजी कोर्सेज के छात्रों के लिए आयोजित कंवोकेशन में पीयू वीसी डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह ने शिक्षकों को निर्देश दिया कि वे इस व्यवस्था को लागू करने में जुट जाएं।

शिक्षकों को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अनुसार कोर्स डिजाइन करने को कहा गया है। इससे छात्रों को नई अपनी प्रतिभा विकास का बेहतर मौका मिलेगा।

-डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह, वीसी पटना यूनिवर्सिटी