- किसानों ने मुआवजे के रूप में एमडीए से मांगे 48 हजार रुपए वर्ग मीटर के रेट

- बीच का रास्ता निकालने की जुगत में एमडीए, किसानों का इनकार

Meerut। महत्वाकांक्षी योजना न्यू टीपीनगर योजना ने एमडीए का गणित बिगाड़ दिया है। एमडीए ने योजना के लिए पांचली खुर्द की जिस जमीन का अधिग्रहण प्रस्ताव तैयार किया था। उस जमीन के किसानों ने एमडीए से चार गुना रेट मांगे हैं। किसानों की इस मांग से एमडीए सकते में है। जिसको लेकर एमडीए के अधिकारियों की टीम किसानों को मनाने में जुटी है। हालांकि किसानों ने इस रेट से नीचे एमडीए को किसी भी भाव पर जमीन देने से इनकार कर दिया।

न्यू टीपीनगर योजना

दरअसल, हैवी ट्रैफिक प्रेशर से जूझ रहे शहर में जाम लगने के कारणों में ट्रांसपोर्ट नगर की बड़ी भूमिका समझी जाती है। इसलिए शहर को ट्रैफिक मुक्त बनाने में एमडीए ने ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर ले जाने की प्लानिंग की है। एमडीए का मानना है कि ट्रांसपोर्ट नगर शहर से बाहर जाते ही शहर में ट्रैफिक का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा।

33 एकड़ जमीन का मामला

दरअसल, हैवी ट्रैफिक प्रेशर से जूझ रहे शहर को जाम झमेलों से निजात दिलाने के लिए न्यू टीपीनगर योजना का प्रस्ताव तैयार किया था। योजना के अंतर्गत ट्रांसपोर्टनगर को शहर से बाहर शिफ्ट किया जाना था। एमडीए ने इसके लिए पांचली खुर्द गांव में 33 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का ब्लू प्रिंट बनाया था। जिसके अनुसार किसानों से वार्ता कर भू-अर्जन की धारा (4) के अंतर्गत विकास प्राधिकरण किसी भी योजना के लिए अधिग्रहण की जानी वाली जमीन को चिह्नित भी कर लिया गया था।

किसानों ने मांगा चार गुना रेट

किसानों ने एमडीए से नई भू - अधिग्रहण नीति के अंतर्गत जमीन के चार गुना रेट मांगे हैं। जिस हिसाब से जमीन के रेट 48,000 रुपए वर्ग मीटर बनता है। ऐसे में एमडीए के लिए इतनी बड़ी राशि जुटाना मुश्किल जान पड़ रहा है। यही कारण है कि एमडीए ने किसानों की डिमांड के सामने हाथ खड़े कर दिए हैं। अफसरों के अनुसार किसानों की मांग बहुत अधिक है। ऐसे में इतनी महंगी जमीन खरीदने के बाद उसको डेवलप करना एमडीए के लिए घाटे का सौदा है।

एमडीए ने किया टीम का गठन

उधर, योजना को लेकर एमडीए के पास केवल जून तक का समय बचा है। ऐसे में योजना की जमीन को लेकर हड़बड़ी में है। यही कारण है कि एमडीए वीसी ने तहसीलदार करनवीर सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर किसानों से वार्ता में लगाया है।

अभी योजना ड्रॉप नहीं हुई है। किसानों से वार्ता का क्रम जारी है। जमीन का जो दाम किसानों ने मांगा है, वो बहुत अधिक है। जल्द ही किसी रेट पर सहमति बन जाएगी।

- करनवीर सिंह, तहसीलदार एमडीए