ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सूबे के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का स्थानांतरण नई स्थानांतरण नीति 2018-19 के तहत कराने का निर्णय दिया है। साथ ही 2017 नीति के खिलाफ दाखिल याचिकाएं निस्तारित कर दी हैं। कोर्ट ने कहा है कि इससे शिक्षिकाओं का नियम के तहत किया जा रहा अंतरजनपदीय स्थानांतरण प्रभावित नही होगा। कोर्ट ने एक जिले में पांच साल से कम अवधि की सेवा करने वाले शिक्षकों व अन्य के संबंध में नई नीति के तहत निर्णय लेने को कहा है।

आजाद कुमार सिंह और अन्य की याचिकाओं पर जस्टिस अश्रि्वनी कुमार ने बुधवार को सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया। याचिकाओं में 2017 को जारी स्थानांतरण नीति को चुनौती दी गई थी। जिसमें शिक्षकों का स्थानांतरण आरटीई एक्ट 2009 और इसके तहत बने नियमों के अनुसार करने की मांग की गई थी। याचिका पर कोई निर्णय होने से पूर्व ही सुप्रीमकोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद कर दियाथ् था। इसके बाद प्रदेश सरकार ने स्वयं ही स्थानांतरण नीति को प्रभाव नही देने का निर्णय लिया। याचीगण का कहना था कि सरकार हर साल स्थानांतरण नीति जारी करती है। इस साल की नीति को शीघ्र जारी होने वाली है। प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट बताया कि नई नीति एक-दो दिन में जारी हो सकती है।

एसएसपी इलाहाबाद हाईकोर्ट में तलब

शिवकुटी मोहल्ले में किराएदार को घर से जबदरस्ती बाहर निकालने के मामले में हाईकोर्ट ने एसएसपी इलाहाबाद को 30 मई को तलब किया है। उनसे व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने सीओ कर्नलगंज और एसओ शिवकुटी को भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। शिवा सिंह की अवमानना याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने दिया है। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के बाद भी पुलिस ने याची से जबरदस्ती मकान खाली करवा लिया है। आरोप है कि विवादित मकान सीओ कर्नलगंज के नजदीकी रिश्तेदार ने खरीदा है। इसलिए पुलिस ने नियम-कानून के विरुद्ध जाकर बेदखली की कार्रवाई की है।