24 सितंबर भारत के मंगलयान ने मंगल की कक्षा में प्रवेश कर लिया. भारत दुनिया का पहला देश बन गया जो पहले ही प्रयास में यान, मंगल की कक्षा में भेजने में कामयाब रहा.

इससे पहले अमरीका, रूस और यूरोपीय संघ मंगल पर अपने यान भेजने में सफल रहे हैं लेकिन इसके लिए उन्हें कई प्रयास करने पड़े.

न्यूयॉर्क टाइम्स के कार्टून में दिखाया गया था कि एक किसान, बैल को लेकर मंगल ग्रह पर पहुंचकर दरवाज़ा खटखटा रहा है और अंदर तीन-चार विकसित, पश्चिमी देशों के वैज्ञानिक बैठे हुए हैं और लिखा हुआ है एलीट स्पेस क्लब.

इस कार्टून पर न्यूयॉर्क टाइम्स को काफ़ी आलोचना झेलनी पड़ी और कई पाठकों ने इसे भारत जैसे विकासशील देशों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताया.

अख़बार की माफ़ी

कार्टून पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने मांगी माफ़ी

पाठकों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने माफ़ी मांगी.

कार्टून पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने मांगी माफ़ीअख़बार के संपादकीय पेज के एडिटर एंड्रू रोज़ेंथॉल ने लिखा, "हमारे इस कार्टून पर कई पाठकों ने अपनी शिकायतें भेजीं. इसके ज़रिए कार्टूनिस्ट हेंग किम सॉन्ग का मक़सद ये बताना था कि मंगल ग्रह तक सिर्फ़ धनी, विकसित देशों की ही पहुंच नहीं रही बल्कि अब विकासशील देश भी मंगल तक पहुंच रहे हैं.

"सिंगापुर से काम करने वाले हेंग अक्सर अंतरराष्ट्रीय मामलों को अपने कार्टूनों के ज़रिए इसी तरह की तस्वीरों और शब्दों के ज़रिए प्रस्तुत करते रहे हैं. इस कार्टून के ज़रिए अगर पाठकों की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो हम उनसे माफ़ी मांगते है."

"हेंग किसी भी तरह से भारत के नागरिकों और भारत की सरकार को नीचा नहीं दिखाना चाहते. हम इस बात से ख़ुश हैं कि पाठकों ने अपनी बात, अपने फ़ीडबैक खुलकर हमारे सामने रखे."

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