कानपुर। इंग्लिश क्रिकेट टीम इन दिनों न्यूजीलैंड दौरे पर है। इंग्लैंड को मेहमान टीम के खिलाफ पहला टेस्ट पारी के अंतर से हारना पड़ा था। इस हार ने इंग्लिश खिलाड़ियों को उतना परेशान नहीं किया जितना जोफ्रा आर्चर के साथ फैंस की एक हरकत ने उन्हें इमोशनल कर दिया। दरअसल मैच के बाद खिलाड़ी जब वापस लौट रहे थे तब बाउंड्री लाइन के किनारे मौजूद एक कीवी फैन ने आर्चर पर नस्ल भेदी टिप्पणी की। उस वक्त को आर्चर ने कुछ नहीं कहा, मगर सोमवार को इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ने ट्वीट कर अपना दुख जताया।

आर्चर के ट्वीट से न्यूजीलैंड में हड़कंप

इंग्लैंड के 24 साल के पेसर आर्चर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'अाज मुझे एक निराशाजनक नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा, जब मैं अपनी टीम को हार से बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था। हालांकि यहां के फैंस काफी अच्छे थे मगर एक शख्स को छोड़कर।' यही नहीं क्रिकइन्फो से बातचीत में आर्चर ने खुलकर बताया कि उस शख्स ने उनके रंग का मजाक उड़ाया था।


न्यूजीलैंड क्रिकेट ने जारी किया माफीनामा
आर्चर का ट्वीट सामने आते ही न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने बिना किसी देरी के मेहमान खिलाड़ी से माफी मांग ली है। न्यूजीलैंड क्रिकेट ने ट्वीट किया, 'जोफ्रा आर्चर के बारे में सुनकर हैरान और निराश हैं। इंग्लिश क्रिकेट टीम हमारे प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं, लेकिन वे हमारे मित्र भी हैं और नस्लवादी दुरुपयोग कभी ठीक नहीं होता है।' न्यूजीलैंड क्रिकेट NZC ने कहा कि यह किसी भी तरह के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करता है और उस शख्स की पहचान करके उसे अरेस्ट करने का वादा करता है।


केन विलियमसन पर्सनली मांगेंगे माफी
न्यूजीलैंड बोर्ड ने भले ही मामले की गंभीरता समझते हुए माफी मांग ली है। मगर कीवी टीम के कप्तान केन विलियमसन भी इस घटना से आहत हैं। विलियमसन का कहना है कि वो पर्सनली आर्चर से माफी मांगेंगे। केन ने कहा कि वह इस घटना के बारे में सुनकर हैरान रह गए और जब तक कि आर्चर ने सोमवार रात को इसके बारे में ट्वीट नहीं किया, तब तक उन्हें और न ही उनके साथियों को इसकी जानकारी थी। न्यूजीलैंड अपने बहु-सांस्कृतिक समाज पर गर्व करता है और हमेशा की तरह इंग्लैंड की टीम का गर्मजोशी से स्वागत करता है। लेकिन विलियमसन सभी न्यूजीलैंड के लोगों की ओर से माफी मांगना चाहते हैं जब आने वाले दिनों में जब दोनों टीमें हैमिल्टन में फिर मिलेंगी तो यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। विलियमसन ने न्यूजीलैंड की वेबसाइट Stuff.co.nz को बताया, "यह निश्चित रूप से किवीस के बारे में सब कुछ के खिलाफ है, और मुझे निश्चित रूप से उम्मीद है कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा। मैं पूरे न्यूजीलैंड की तरफ से आर्चर से माफी मांगूंगा। यह एक भयावह बात है।'

इंग्लैंड ने की इसकी निंदा
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने अपने देश के खिलाड़ी के साथ हुए इस दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की है। क्रिकेट के डायरेक्टर एश्ले गिल्स ने कहा, 'जिसने भी यह हरकत की है उसके खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाए। हम जोफ्रा के साथ हैं। खेल में किसी भी तरह की नस्लीय टिप्पणी की कोई जगह नहीं।'

नस्लीय भेदभाव के चलते प्रोटीज 21 साल रहे बैन
क्रिकेट में नस्लीय भेदभाव नया नहीं है। पहले भी क्रिकेटरों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार होता है। इससे जुड़ा सबसे चर्चित मामला साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम का है। प्रोटीज को इंटरनेशनल टीम का दर्जा साल 1889 में मिल गया था मगर बीच में अफ्रीकन टीम की गलत हरकतों ने उन्हें करीब दो दशक तक क्रिकेट की दुनिया से बाहर कर दिया था। अफ्रीका के इंटरनेशनल क्रिकेट से बाहर होने की वजह थी उसकी सरकार की मनमानी नीतियां। दक्षिण अफ्रीका सरकार की रंगभेद नीति में कुछ ऐसे नियम बनाए गए थे जिसने आईसीसी को दुविधा में डाल दिया था। सरकार के नियमों के मुताबिक उनकी देश की टीम को श्वेत देशों (इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) के खिलाफ ही खेलने की इजाजत थी। साथ ही यह शर्त थी कि विपक्षी टीम में श्वेत खिलाड़ी ही खेलेंगे। ऐसे में आईसीसी को साउथ अफ्रीका क्रिकेट पर बैन लगाना पड़ा। इसके बाद 1991 में साउथ अफ्रीका की इंटरनेशनल क्रिकेट में फिर वापसी हुई।

 

 

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