पुलिस ने क्विक एक्शन लेते हुए उन लोगों को अरेस्ट किया, जो बच्चे के लेन-देन में शामिल थे। उनकी निशानदेही पर गायब नवजात गायघाट स्थित एक दंपति के घर से बरामद हुआ। दरअसल यह पूरा मामला बच्चे की खरीद-बिक्री को लेकर चल रहा था। नालंदा जिले के इस्लामपुर के रहने वाले कमल राम और उसकी बिन ब्याही बेटी रीना कुमारी को 21 मई को सीजेरियन बच्चा हुआ था। इस दौरान रीना कुमारी ने आरोप लगाया कि वो अपने बेटे को एक बार ही देख पाई थी। इसके बाद से उसका कोई पता नहीं है। वहीं लड़की के पिता ने बताया कि कंपाउंडर ने कहा कि बच्चा मर गया। दूसरी ओर इस पूरे मसले पर हॉस्पीटल एडमिनिस्ट्रेटर डॉ। संतोष कुमार और डॉ। प्रीति कुमारी का कहना था कि इसमें लड़की के पिता और कंपाउंडर की मिलीभगत है।

एडमिट होते ही लग गए लोग
सोर्सेज की मानें तो जैसे ही कंपाउंडर और नर्स को पता चला कि रीना कुंवारी है और बच्चे को जन्म देने वाली है, तो फिर उसे पटाने का काम शुरू हो गया था। उसके पिता से लोग घंटों सड़क पर बात करते थे। पैसे का लेन-देन भी लगभग पूरा हो गया था। जन्म के वक्त बच्चा कमजोर था, इसलिए उसे फोर्ड में रखा गया और एक दिन पहले उसे उसके नाना को सौंप दिया गया। लेकिन लोग लगे हुए थे, सो बच्चे की खरीद-फरोख्त हो गया। किंतु मामला उस समय फंसा, जब पैसे की डिमांड अधिक होने लगी। इसी बीच बच्चे नाना और उसकी मां ने हॉस्पीटल एडमिनिस्ट्रेशन पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। इस पूरे मामले में पुलिस तीन को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

बच्चे को गोद लेने में रखें ध्यान
- बच्चे को गोद लेने से पहले अस्पताल के डॉक्टर से पूछें.
- संबंधित थाने को इसकी जानकारी जरूर दें।
- पैसे की लेन-देन ना करें, लिखित रूप में लें.
- कोई अपना बच्चा खुद देना चाहें तभी लें.
- बच्चों को पालने वाली संस्था से भी संपर्क कर सकते हैं.
- बच्चे को गोद लेते समय फॉर्म अनिवार्य रूप से भरें।
- किसी भी तरह की इंक्वायरी में सहयोग दें.
- अगर बच्चे को पैरेंट्स लेना चाहे तो उसे वापस देना होगा.
- बच्चे को गोद लेने की वजह भी बतानी होगी.