- मोबाइल नशा मुक्ति केंद्र पर पहुंचा सबसे छोटा मरीज

- सात वर्ष के प्रत्यूष को है मोबाइल फोन का जबरदस्त नशा

PRAYAGRAJ: सात साल का प्रत्यूष अभी क्लास सेकंड में पढ़ता है। उसे मोबाइल फोन चलाने का जबरदस्त नशा है। शाम को पापा के आफिस से लौटते ही मोबाइल फोन उसकी पहली मांग होती है। मोबाइल नहीं मिलने पर वह माता-पिता को दांत काटने लगता है। उसकी इस हरकत से पैरेंट्स आजिज आ चुके हैं। शुक्रवार को पैरेंट्स उसे लेकर मोबाइल नशा मुक्ति केंद्र पहुंचे। अब तक के सबसे छोटे पेशेंट को देखकर डॉक्टरों की भी आखें खुली रह गई।

हरकत से रिश्तेदार भी हैरान

काल्विन हॉस्पिटल में खुले मोबाइल नशा मुक्ति केंद्र में वैसे तो अब तक कई पेशेंट आ चुके हैं, इस एडिक्शन से जूझ रहा प्रत्यूष सबसे छोटा मरीज है। तेलियरगंज में रहने वाले उसके फादर सेंट्रल गवर्नमेंट इम्प्लाई हैं और मदर हाउस वाइफ। उन्होंने अपने एकलौते बच्चें को लाड प्यार में शुरू में मोबाइल पकड़ा दिया। पर अब यह मोबाइल उन लोगों के परेशानी का सबब बन गया है। उन्हें यह नहीं पता था कि उसे मोबाइल का जबरदस्त नशा हो जाएगा। पिछले कुछ महीनों से प्रत्यूष कभी भी कहीं भी मोबाइल मांगने लगता है। मोबाइल नहीं देने पर दांत से काटकर गहरे घाव कर देता है। उसकी इस हरकत से नाते-रिश्तेदार भी हैरान हैं।

यू ट्यूब का दीवाना है प्रत्यूष

मोबाइल फोन पर प्रत्यूष को यू ट्यूब पर वीडियो देखने का नशा है। वह घंटो मोबाइल पर इसे देखता रहता है। वह बहुत छोटा है लेकिन मोबाइल चलाना बखूबी आता है। मोबाइल नशा मुक्ति केंद्र की नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ। इशान्या राज का कहना है कि इतने छोटे बच्चे की काउंसिलिंग भी नहीं की जा सकती है। पैरेंट्स से उसे मोबाइल देने को कहा गया है। पर इस शर्त पर कि वह किसी को दांत नहीं काटेगा । अगर वह वाइलेंस करता है तो मोबाइल फोन नहीं दिया जाएगा। एक सप्ताह बाद बच्चे को फिर से बुलाया गया है।

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35 ने दी दस्तक, 8 गंभीर

नशा मुक्ति केंद्र में अब तक 35 मरीजों ने दस्तक दी है। इनमे से आठ गंभीर हैं। इनको काउंसिलिंग के साथ दवाएं भी दी जा रही है। कुछ मरीजों को काउंसिलिंग से आराम है। एक आर्मी मैन की बेटी ने मोबाइल नहीं मिलने पर अपनी किताब जला दी थी। एक और पेशेंट लड़के ने मोबाइल चलाने के लिए खाना पीना छोड़ दिया था। अब इन दोनों की आदत में लगातार सुधार हो रहा है। यह कम से कम मोबाइल फोन का यूज कर रहे हैं।

घर में बच्चे हैं तो ध्यान दें

- छोटे बच्चे से दूर रखें मोबाइल फोन

- उसके सामने गेम खेलने या पिक लेने से बचें

- मोबाइल फोन को खुला न छोडें

- मोबाइल फोन की स्क्रीन लॉक रखें

- परिवार के साथ कम से कम मोबाइल का यूज करें

- मोबाइल पर अश्लील चीजे रखने से बचें

वर्जन

बहुत छोटे बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखना चाहिए। उनको इससे होने वाले नुकसान का अंदाजा नहीं होता। अगर एडिक्शन बढ़ जाए तो बच्चे दांत काटने, गाली देने, मारपीट करने सहित खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

डॉ। राकेश पासवान,

मनोचिकित्सक, मोबाइल नशा मुक्ति केंद्र काल्विन हॉस्पिटल