-अराजक तत्वों का अड्डा बना महिला चिकित्सालय

PRAYAGRAJ: मध्यप्रदेश की सीमा से सटी तहसील कोरांव आज भी सुविधाओं से कोसों दूर है। इससे सरकार के दावों की पोल खुल जा रही है। यहां पर लाखों की लागत से बनकर तैयार महिला चिकित्सालय अब अराजक तत्वों का आशियाना बनकर रह गया है। यहां पर आज तक महिला डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। इसका खामियाजा यहां कि गरीब महिलाओं को जान देकर चुकाना पड़ता है।

इकलौता महिला हॉस्पिटल

कोरांव में कुल 115 गांव हैं। इसमें इकलौता महिला चिकित्सालय है। यहां न तो मेडिसिन है और न ही महिला चिकित्सक। एक फार्मासिस्ट व आया के भरोसे चल रहा है यह हॉस्पिटल। यहां की अधिकांश आबादी गरीब व दलितों की है, जो कठिन मेहनत व जंगल की लकडि़यां तोड़कर किसी प्रकार से दो जून की रोटी का जुगाड़ करते हैं। लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने से उनको अपनी जान गंवानी पड़ती है। इस हॉस्पिटल का निर्माण होने के बाद से अभी तक डॉक्टर की नियुक्ति नहीं होने पर इसकी शिकायत जन प्रतिनिधियों से की गई लेकिन वह भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। हर बार लोगों को डाक्टर और दवाओं की उपलब्धता का केवल आश्वासन दिया जाता है।

वर्जन

हाल ही में महिला डॉक्टर की तैनाती की गई है। वह क्यों नही जा रही है इसकी जांच कराई जाएगी। दवाओं की पूरी उपलब्धता की गई है।

-डॉ। मेजर गिरिजाशंकर बाजपेई, सीएमओ प्रयागराज