युवती के बाद युवक को ब्रेन ट्यूमर से रिश्ते से पहले दांव पर लग गयी थी जिंदगी

PRAYAGRAJ: खुदा की रजा हो तो दरवाजे पर आई मौत भी लौट जाती है। यह सुना था लेकिन एक घटना ने इसे सही साबित कर दिया। कहानी मुंबई के एक कॉलेज में लेक्चरर और उनकी फ्रेंड की है। दोनों की मुलाकात एक शादी में हुई। उन्होंने शादी करने का निर्णय ले लिया। कुदरत को शायद कुछ और ही मंजूर था। दोनों को ब्रेन ट्यूमर डाइग्नोस हो गया। इसके बाद दोनों के जीवन पर संकट मंडराने लगा। इससे बड़ा करिश्मा तब हुआ जब दोनों को एक ही डॉक्टर ने सफल सर्जरी के जरिए ठीक कर दिया। अब दोनो जल्द विवाह करने वाले हैं।

2013 में हुई थी मुलाकात

अल्लापुर की रहने वाली कोमल भारतीया और मुंबई के एक कॉलेज में लेक्चरर राकेश सरोज की मुलाकात 2013 में प्रयागराज में एक घरेलू मैरिज फंक्शन में हुई थी। इसके बाद दोनों की दोस्ती परवान चढ़ी औार उन्होनें शादी करने का फैसला कर लिया। 2017 में कोमल को सिर में दर्द रहने लगा। परेशानी बढ़ने पर उन्होंने कई जगह दिखाया लेकिन आराम नही मिला। जांच में सिर में ट्यूमर की शिकायत सामने आई इसका भी इलाज नही हो सका। अंत में कोमल ने न्यूरो सर्जन डॉ। प्रकाश खेतान से संपर्क किया। डॉ। खेतान ने केस की गंभीरता को देखते हुए उसे चैलेंज के रूप में लिया और लंबे आपरेशन के बाद युवती को ठीक कर दिया। बता दें कि डॉ। खेतान गिनीज बुक आफ व‌र्ल्ड रिकार्ड विजेता हैं और उन्हें ब्रेन से सर्वाधिक सिस्ट निकालने का गौरव प्राप्त है।

अधिक दिन नही टिकी खुशियां

एक बार फिर यह कपल शादी की बांट जोहने लगा। तभी फरवरी 2019 में एक बार फिर राकेश के सिर में दर्द होने लगा। चक्कर आने और सीवियर होने के बाद एमआरआई कराई गई। इसमें पता चला कि उन्हें भी ब्रेन में ट्यूमर की शिकायत है। यह जानकारी होने पर जैसे कोमल के सपने टूटते से प्रतीत हुए। कोमल ने तुरंत डॉ। खेतान से संपर्क किया और राकेश के आपरेशन करने की गुहार लगाई। इस बार भी डॉ। खेतान ने लंबे आपरेशन के बाद राकेश के ब्रेन से ट्यूमर को बाहर कर दिया। अब राकेश खुद को स्वस्थ महसूस कर रहे हैं और जल्द ही वापस मुंबई लौटकर जॉब ज्वाइन करने की तैयारी में हैं।

सच्चा है दोनों का प्यार

कोमल और राकेश की परीक्षा यही समाप्त नही हुई थी। बताते हैं कि 2018 में कोमल अपनी चाची से मिलने दिल्ली गईं जहां चौथी मंजिल से फिसलने की वजह से उन्हें रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर हो गया। वहां से आने के बाद उनका इलाज फिर से डॉ। खेतान ने ही किया। इस बार भी वह फिट हो गई। डॉ। खेतान कहते हैं कि दोनों का प्रेम सच्चा है। वरना छोटी सी बात पर आजकल लोगों का ब्रेकअप हो जाता है। उधर, कोमल बताती हैं कि ब्रेन ट्यूमर की वजह से उनका बीकॉम का रिजल्ट भी खराब हो गया था। राकेश उनकी बहन के देवर हैं और उनके प्यार ने कोमल के जीवन में आशा की नई किरण जगाई।

हमारी मुलाकात छह साल पहले हुई थी। इसके बाद कोमल को और फिर मुझे ब्रेन ट्यूमर की शिकायत पता चली। उम्मीद नही थी ऐसा भी होगा। लेकिन डॉ। खेतान ने हम दोनों को किसी चैलेंज की तरह ठीक करके दिखाया। हमारे केस आसान नही बल्कि जटिल थे।

राकेश सरोज,

लेक्चरर

कोमल का मामला सामने आया तो मैं आश्चर्यचकित था। वह लड़की मुझसे सीधे पूछ रही थी कि मुझे ठीक कर पाओगे या नही। वह कई जगह से निराश होकर लौटी थी। भगवान का शुक्र है कि स्वस्थ है और उसके दोस्त राकेश भी अब सही हैं। कोमल ही राकेश को मेरे पास लेकर आई थी। उनका आपरेशन भी सफल रहा।

डॉ। प्रकाश खेतान,

न्यूरो सर्जन