यमुना में बढ़ते जलस्तर के चलते बक्शी बांध का स्लूज गेट हुआ बंद

12 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है जलस्तर

PRAYAGRAJ: यमुना का बढ़ता जलस्तर खतरे की घंटी बजा रहा है। प्रशासन ने शनिवार शाम बक्शी बांध का स्लूज गेट बंद करा दिया। शहरवासियों को जरूरत के अनुसार ही पानी खर्च करने की सलाह दी गयी है। ऐसा इसलिए क्योंकि सीवर और ड्रेनेज का पानी एसटीपी तक नहीं जाएगा। शहर का पानी एसटीपी के आसपास के मोहल्लों के लिए खतरा बन जाएगा और यहां रहने वाले लोगों को पानी में रहने पर मजबूर होना पड़ सकता है।

बारिश हुई तो होगी आफत

स्लूज गेट बंद होने के बाद सबसे ज्यादा खतरा बारिश से होगा। तेज बारिश हुई तो अल्लापुर और उसके आसपास के एरिया से पानी निकलना मुश्किल हो जायेगा। यमुना का जलस्तर शनिवार को 12 सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ता रहा। शाम चार बजे तक आठ घंटे में फाफामऊ में 63, छतनाग में 86 और नैनी में कुल 95 सेमी जलस्तर की वृद्धि दर्ज की गई। बताया गया कि अभी तक केन नदी का पानी अपना प्रभाव दिखा रहा है। रविवार सुबह से बेतवा का पानी भी इसमें आ जाएगा।

जलस्तर

फाफामऊ- 79.44 मीटर

छतनाग- 78.56 मीटर

नैनी- 79.34 मीटर

खतरे का निशान- 84.73 मीटर

यहां भी खतरे का संकेत

यमुना के तटीय इलाकों के साथ गंगा किनारे के मोहल्लों को भी सतर्क कर दिया गया है। स्लूज गेट को बंद करना इसका एग्जाम्पल है। यमुना खतरे के निशान तक पहुंची तो गंगा का पानी भी बैक फ्लो मारेगा और इससे सलोरी, बघाड़ा, गोविंदपुर, राजापुर आदि एरिया में खतरा बढ़ सकता है। प्रशासन ने इन एरिया के शेल्टर्स की व्यवस्था सुधारने को कहा है जिससे घरों में पानी घुसने पर लोग यहां पर अपना सिर छिपा सकें।

स्लूज गेट बंद कर दिया गया है। लोगों को जरूरत के मुताबिक पानी खर्च करना होगा। बारिश हुई तो थोड़ी दिक्कत होगी। यमुना में जलवृद्धि की रफ्तार तेज है और रविवार से बेतवा का पानी आने के बाद इसमें तेजी बनी रहेगी।

बृजेश कुमार,

ईई, बाढ़ खंड इकाई