-हथिनीकुंड से आठ लाख और हरिद्वार से छोड़ा गया 3.20 क्यूसेक पानी

PRAYAGRAJ: गंगा-यमुना का जलस्तर भले ही घट रहा हो लेकिन इससे प्रशासन बहुत अधिक इत्तफाक नहीं रख रहा है। अधिकारियो ंकी निगाह संडे तक शहर में पहुंचने वाले 11 लाख क्यूसेक से अधिक छोड़े गए पानी पर है। यह पानी अगले तीन दिन के भीतर प्रयागराज की सीमा में पहुंच जाएगा। इसके बाद पुन: जलस्तर में वृद्धि हो सकती है।

धीरे-धीरे नजदीक आ रहा पानी

बता दें कि हाल ही में हथिनीकुंड से छोड़ा गया 8 लाख कूयसेक और हरिद्वार से छोड़ा गया 3.20 लाख क्यूसेक पानी तेजी से प्रयागराज की ओर बढ़ रहा है। यह रविवार तक गंगा-यमुना में दस्तक दे देगा। इसके चलते जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। अधिकारियों का कहना है कि इस पानी की मात्रा कम हो सकती है। क्योंकि रास्ते में इतने मोड़ और कटान हैं कि पानी की रफ्तार कम हो जाती है। उसकी मात्रा में भी अंतर आ जाता है।

बढ़ने से पहले एक मीटर घटेगा पानी

रविवार को नदियों का जलस्तर बढ़ता भी है तो उसके पहले यह एक मीटर तक घट जाएगा। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में प्रति घंटे दो से तीन सेमी घटने का ट्रेंड चल रहा है जो संडे तक जारी रहेगा। इसका फायदा तटीय इलाकों में रहने वालों को मिलेगा। उनके घरों से पानी वापस लौटने लगा है। दारागंज और बघाड़ा के कई घरों में गुरुवार को गंगा का पानी लौट गया। इसको लेकर लोगों ने राहत की सांस ली।

18 घंटे में 40 सेमी खिसका जलस्तर

बुधवार की रात दस बजे से गुरुवार को शाम चार बजे के बीच नदियों के जलस्तर में 40 सेमी की गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को फाफामऊ का जलस्तर 82.22 मीटर और नैनी का जलस्तर 82.06 मीटर दर्ज किया गया। जबकि खतरे का निशान 84.73 मीटर है। पानी का लेवल 81 मीटर से कम होने के बाद बक्शी बांध का स्लूज गेट भी खोल दिया जाएगा।

वर्जन

लगातार पानी का लेवल घट रहा है। रविवार तक पीछे से छोड़ा गया पानी प्रयागराज आ जायेगा, लेकिन उम्मीद है कि इसकी मात्रा घटकर काफी कम हो जाएगी। इससे कितना जलस्तर में बढ़ोतरी होती है यह समय पर ही पता चलेगा।

ब्रजेश कुमार, ईई, बाढ़ खंड इकाई