प्राइवेट हॉस्पिटल्स और क्लीनिकों की मनमानी पर रोक लगाने के आदेश

PRAYAGRAJ: निजी हॉस्पिटल्स और क्लीनिकों की मनमानी पर अब रोक लगेगी। देखने में आया है कि यहां के डॉक्टर्स द्वारा लिखी गई दवा केवल उन्ही के प्रिमाइसेस में चल रहे मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध होती है। इससे आम मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ड्रग कंट्रोलर उप्र ने इस मामले को संज्ञान मे लेते हुए रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि ऐसी दवाएं किसी हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर में पाई जाती हैं तो इन्हे तत्काल सीज कर दिया जाए।

आम बात है ऐसी मोनोपोली

शहर के तमाम हॉस्पिटल्स और क्लीनिकों की ऐसी मोनोपोली आम बात है। कई जगह ऐसी दवाएं ही डॉक्टर्स अपने पर्चे पर लिखते हैं जिनकी सप्लाई पर्टिकुलर इन्ही के मेडिकल स्टोर में कुछ दवा निर्माताओं द्वारा की जाती है। ऐसे में दूर दराज के मरीजों को दवा लेने वापस उसी हॉस्पिटल में आना पड़ता है। इसकी शिकायत भी शासन से मरीजों ने की है। जिसको संज्ञान में लेकर इस प्रकार का आदेश किया गया है। बता दें कि जिले में 450 निजी हॉस्पिटल और एक हजार के आसपास क्लीनिक हैं।

मेडिकल स्टोर्स भी कर चुके हैं आपत्ति

इसके पूर्व मेडिकल स्टोर्स भी इस मामले में अपनी आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। उनका कहना है कि दवा एक आवश्यक वस्तु है, जिसकी सर्व सुलभ उपलब्धता सुनिश्चित कराना ड्रग प्राइस कंट्रोल आर्डर 2013 में प्रावधानित है। ऐसे में निजी हॉस्पिटल में ऐसी दवा लिखी जाए तो सभी मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध हो।

आदेश बिल्कुल उचित है। जिले में 5 हजार मेडिकल स्टोर्स हैं और सभी का बिजनेस इससे चौपट हो रहा है। मरीजों को भी परेशानी हो रही है। दवाओं की उपलब्धता सभी जगह सुलभ, ऐसी दवाएं प्राइवेट हॉस्पिटल्स और क्लीनिक में लिखी जानी चाहिए।

परमजीत सिंह,

महासचिव, इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन