-राहत शिविरों में रहने वाले परेशान, सता रहा है चोरी का डर

-पिछली बाढ़ के दौरान कई घरों में चोरों ने किया था हाथ साफ

PRAYAGRAJ: ढरहरिया के रहने वाले विजेंद्र एनी बेसेंट स्कूल राहत शिविर में रह रहे हैं। उनके घर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। वहां तक पहुंचना मुश्किल है फिर भी वह रोजाना सुबह-शाम घर का हालचाल लेने जाते हैं। वह कहते हैं कि मोहल्ले में पुलिस की पैट्रोलिंग नहीं हो रही है। चोरों का खौफ सिर चढ़कर बोल रहा है। अगर जरा सी लापरवाही हुई तो चोर कीमती सामान पर हाथ साफ कर देंगे। यह हाल हजारों बाढ़ पीडि़तों का है। बाढ से घिरे होने के चलते वह घर छोड़कर राहत शिविरों में चले आए हैं लेकिन उन्हें चोरी का डर लगातार सता रहा है।

देर रात तक करते हैं रखवाली

शहर के एक दर्जन से अधिक राहत शिविरों में इस समय दो हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। गुरुवार को यह संख्या अधिक हो गई। यहां रहने वालों का काम-धंधा भी लगभग छूट गया है। हल्का-फुल्का सामान वह साथ लाए हैं। लेकिन काफी कीमती सामान घर पर ही छूट गया है। इसकी चिंता बाढ़ पीडि़तों को सता रही है। यह लोग सुबह से देर रात तक अपने घर की रखवाली में लगे रहते हैं।

पहले भी हो चुकी है चोरी

2013 और 2016 की बाढ़ में ढरहरिया, बघाड़ा, सलोरी, राजापुर, नेवादा आदि एरिया में चोरी के मामले सामने आ चुके हैं। चोरों ने शेल्टर में रहने वाले पीडि़तों के घर में पीछे से सेंध लगाकर हजारों का माल साफ कर दिया था। इसकी शिकायत पुलिस में भी हुई लेकिन कोई चोर नहीं पकड़ा गया। इसी डर से बाढ़ पीडि़तों ने एसएसपी से इन एरियाज में पैट्रोलिंग कराने की मांग की है। उनका कहना है कि जल पुलिस को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों मे सुबह शाम और रात में गश्त करनी चाहिए।

दांव पर लगा रखी है जान

ऋषिकुल राहत शिविर में रह रहे विवेक ने बताया कि उनका घर राजापुर में है। वह तीन भाई हैं और एक भाई दो दिन से घर पर ही टिका है। हालांकि उसे बुला लिया गया है। बता दें कि बाढ़ के पानी की लहरें लगातार घरों की नींव में टक्कर मार रही है। इससे कई घरों के डैमेज होने की संभावना बनी हुई है।

हम सब राहत शिविर में आ गए हैं। हमारी प्रशासन से गुहार है कि हमारे एरिया में पुलिस की गश्त बढ़ा दी जाए। चोरों का डर सबको सता रहा है।

-नीलू

पिछली बाढ़ में भी बाढ़ वाले एरिया में चोरों ने काफी नुकसान पहुंचाया था। यह लोग घरों के दरवाजे भी उखाड़ ले जाते हैं। इनकी धर-पकड़ जरूरी है।

-सुशील

इस समय बाढ़ वाले एरिया के घर खाली पड़े हैं। इनमें कई कीमती सामान मौजूद हैं। इनकी सुरक्षा करने वाला कोई नहीं। इसलिए पुलिस पेट्रोलिंग जरूरी है।

-नीरज

बाढ़ में फंसे लोगों को शेल्टर में पहुंचाकर उनके घरों की सुरक्षा की जाए। यह लोग जान-बूझकर खतरा मोल ले रहे हैं। सामान की सुरक्षा का आश्वासन मिलना चाहिए।

-शुभम