इतने हैं पेंडिंग आवेदन

निवास प्रमाण पत्र: 664

विधवा पेंशन प्रमाण पत्र: 39

आय प्रमाण पत्र: 803

जाति प्रमाण पत्र: 427

-सैकड़ों की संख्या में पेंडिंग पड़े हैं आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र

-सदर तहसील में ठप है कामकाज, सभी की बाढ़ राहत कार्यो में लगी ड्यूटी

PRAYAGRAJ: सदर तहसील में कोई काम हो तो फिलहाल मत जाइएगा। वहां शायद ही कोई मिले। वजह, लेखपाल, कानूनगो से लेकर अधिकारी, सभी बाढ़ राहत कार्यो में व्यस्त हैं। इस वजह से सैकड़ों की संख्या में इनके आवेदन पेंडिंग होते जा रहे हैं। लोग ऑनलाइन आवेदन करने के बाद लेखपाल की तलाश कर रहे हैं। उधर, लेखपालों का कहना है कि उनके पास इतना समय नहीं कि वह आवेदनों की जांच करें। जैसे-तैसे वह पेंडेंसी को निपटाने में लगे हैं।

बिना फिजिकल वेरिफिकेशन कैसे हो वेरिफाई

आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता लोगों को साल के बारह महीने होती है। एडमिशन, छात्रवृत्ति, नौकरी सहित तमाम आवेदनों में यह प्रमाण मांगे जाते हैं। यही कारण है कि कुछ साल पहले सरकार ने इनका आवेदन ऑनलाइन कर दिया। लेकिन शहर में बाढ़ का प्रकोप हो जाने से इन आवेदनों के पूरा होने में देरी हो रही है। जब तक बाढ़ घट नहीं जाती। लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

कुछ ने रख लिए हैं असिस्टेंट

नियमानुसार ऑनलाइन आवेदन के तीन दिन बाद तक यह ई-डिस्ट्रिक्ट की वेबसाइट पर शो करते हैं। इसके बाद यह डीएम के पोर्टल पर दिखने लगते हैं। ऐसे में लेखपालों को उच्च अधिकारियों से कार्रवाई का डर सताने लगता है। यही कारण है कि कुछ लेखपाल जुगाड़ से वेरिफाई रिपोर्ट लगा रहे हैं तो कुछ ने असिस्टेंट अपॉइंट कर लिए हैं। यह मोबाइल पर पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन आवेदनों को वेरिफाई कर आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। ऐसे में कुछ लोगों को समय रहते प्रमाण पत्र उपलब्ध भी हो रहे हैं।

राहत शिविर से लेकर फील्ड वर्क

ऐसा नहीं है कि लेखपाल के पास काम नहीं है। सदर तहसील में तीस से अधिक लेखपाल हैं और उनके कंधों पर दर्जनों ऐसे मोहल्लों का सर्वे करने और बाढ़ राहत कार्यो को पूरा कराने की जिम्मेदारी है। ाहत शिविरों में सामग्री की उपलब्धता से लेकर राजापुर, नेवादा, अशोक नगर, ओम गायत्री नगर, सलोरी, बघाड़ा आदि एरिया में उनकी रेस्क्यू में भी ड्यूटी लगाई गई है। ऐसे में उनका कार्यालय का कामकाज प्रभावित हो रहा है।

बाढ़ के दौरान प्रशासन को आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाने के ऑप्शन उपलब्ध कराने चाहिए। इनके नहीं होने से कई महत्वपूर्ण कार्य अटक जाते हैं।

-अजय अग्रवाल

घर के बच्चों को निवास और आय प्रमाण पत्र की जरूरत है। वह तहसील से होकर चले आए, लेकिन लेखपाल का पता ठिकाना नहीं मिला।

-राजू गांधी

आजकल तहसील में शायद ही कोई काम हो रहा हो। पूछने पर बताते हैं कि बाढ़ में ड्यूटी लगाई गई है। अब बाढ़ खत्म होने के बाद ही सुनवाई होगी।

-अजय दुबे

आजकल सभी तरह के आवेदनों में ऐसे प्रमाण पत्रों की मांग होती है। इसलिए इनकी उपलब्धता को रोकना नहीं चाहिए। जैसे-तैसे पब्लिक की डिमांड पूरी कर दें।

-नवीन धूपर