पुराने ढर्रे पर लौटे राहत केंद्र, नही लगे एक भी स्टाल

देरी से मिला खाना, नही आई दही जलेबी

PRAYAGRAJ: सीएम थे तो सबकुछ था, वह गए तो अपने साथ रौनक भी ले गए। शहर के कई बाढ राहत शिविरों का शनिवार को यही हाल था। शुक्रवार को यहां पर प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गई थी जो 24 घंटे बाद नदारद थीं। खुद यहां रह रहे पीडि़तों को भी इसका भरोसा नही हो रहा था। उनका कहना था कि केवल सीएम को दिखाने के लिए इतना ताम झाम फैलाया गया था। कम से कम कुछ सुविधाएं तो जारी रखनी चाहिए थीं।

कहां गया पुष्टाहार विभाग का स्टाल

शुक्रवार को कैंट हाईस्कूल, ऋषिकुल, स्वामी विवेकानंद, महबूब अली, उमराव सिंह स्कूलों में बनाए गए राहत शिविरों को विशेष सुविधाओं से लैस किया गया था। यहां पर पुष्टाहार व बाल विकास विभाग की ओर से भव्य स्टाल लगाए गए थे। जिनमें पंजीरी से बने उत्पादों और पंजीरी दलिाय का वितरण किया गया था। साथ ही पीडि़तों के बच्चों का जन्मदिन और महिलाओं की गोदभराई कार्यक्रम कराए गए थे। शनिवार को इन शिविरों में ऐसा कुछ नही था। पीडि़त महिलाओं और बच्चों को पूछने वाला भी कोई नही था।

हटा ली गई एलईडी

राहत शिविरों में सीएम के आगमन पर बड़ी एलईडी भी गायब थी। एक दिन पहले यहां पर कई फिल्मे दिखाई गई थीं। खुद सीएम ने इन एलईडी को देखकर तारीफ की थी। लेकिन 24 घंटे बाद इन्हे भी हटा लिया गया। स्वास्थ्य विभाग के स्टाल भी नदारद थे। आजीविका मिशन के उत्पादों की प्रदर्शनी भी नजर नही आई। बता दें कि ऋषिकुल और कैंट हाईस्कूल में प्रशासन की ओर से बड़ी एलईडी लगाई गई थीं। बच्चों के लिए खेल खिलौने और लाइब्रेरी का स्टाल भी गायब रहा। कुल मिलाकर अपने पुराने लुक में सभी राहत शिविर वापस नजर आ रहे थे।

आधार लेकर दौड़ते रहे पीडि़त

कई बाढ़ पीडि़त शनिवार को भी अपना आधार कार्ड लेकर शिविरों में भटक रहे थे। उनका कहना था कि सुनवाइ नही हो रही है। प्रशासन की ओर से आधार की जानकारी लेकर राहत सामग्री वितरण का जिम्मा लिया गया है। सीएम की मौजूदगी में सैकड़ों लोगों को यह सामग्री बांटी गई गई थी। उनके जाने के बाद जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा पुन: लापरवाही बरते जाने से व्यवस्था पर प्रश्नचिंह लगने लगा है। पीडि़तों का कहना है कि लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।