PRAYAGRAJ: शंभूनाथ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के तत्वावधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन शब्दोत्सव 2019 का आयोजन शनिवार को किया गया। अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार सुधांशु उपाध्याय ने अपनी रचना 'आंख तकती रही खिड़कियां सो गई, अब गजल क्या कहें लड़कियां सो गई' सुनाकर स्टूडेंट्स का दिल जीत लिया। रायबरेली से आई कवियत्री सबिस्ता ब्रजेश ने 'खेली जब रसखान संग में, रस की बहती धार लगी, बरदाई संग चली हम तब, हिंदी ये तलवार लगी' का पाठ कर सभी को मंत्रमुग्ध किया तो वाराणसी से आए नागेश शांडिल्य ने व्यंग्य के जरिए वर्तमान परिप्रेक्ष्य पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि 'प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने के फायदे हम अपनी जिंदगी सुरक्षित गुजार सकते हैं, क्योंकि ये नन्हे मुन्ने बच्चे हमें कभी नहीं मार सकते हैं.'

बाराबंकी से आए विकास बौखल, गीतकार शैलेंद्र मधुर, आभा श्रीवास्तव, ठाकुर इलाहाबादी ने भी अपनी रचनाओं से लोगों को बांधे रखा। इससे पहले सचिव केके तिवारी ने सभी कवियों को सम्मानित कर कहा कि हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में कविता और कवि की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। देश की दिशा और दशा को परिवर्तित करने का काम रचनाकार की रचना करती है। धन्यवाद ज्ञापन मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ। आरके सिंह ने किया। प्रो डीपी सिंह, प्रो। जेपी मिश्रा, प्रो। नगीर अल हसन, प्रो। प्रशांत अवस्थी, आशुतोष श्रीवास्तव सहित तमाम शिक्षक उपस्थित रहे।