-अलीगढ़ में होने वाली स्टेट चैंपियनशिप के लिए आई 26 हॉकी प्लेयर

-1600 से ज्यादा हैं प्रयागराज में इंटरमीडिएट स्कूल्स

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PRAYAGRAJ: देश में स्पो‌र्ट्स को बढ़ावा देने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं। इसके लिए स्कूल लेवल पर स्पो‌र्ट्स को प्रमोट करने से लेकर नेशनल लेवल पर खेलो इंडिया मुहिम चलाई जा रही है। लेकिन अभी भी स्कूलों में स्पो‌र्ट्स का जो हाल है, उसे देखकर कह सकते हैं कि ऐसे कैसे खेलेगा इंडिया? जीहां, कभी हॉकी में व‌र्ल्ड लेवल पर डंका बजाने वाले इंडिया में प्रयागराज में मंडल लेवल की टीम के लिए सिर्फ 26 महिला हॉकी खिलाड़ी ट्रायल देने पहुंचीं।

स्कूल 1600, खिलाड़ीं आई सिर्फ 26

गौरतलब है कि सोमवार को प्रयागराज के मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में स्टेट वुमेन हॉकी प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट करने के लिए प्रयागराज मंडल की टीम के लिए ट्रायल हुए थे। इस ट्रायल में पूरे मंडल में से केवल 26 प्लेयर्स ने भाग लिया। इनमें 16 खिलाड़ी प्रयागराज से, 5 प्रतापगढ़ से, 4 कौशांबी से आई। फतेहपुर से एक भी खिलाड़ी नहीं आया। अब स्कूलों की बात करें तो अकेले प्रयागराज में ही 1165 यूपी बोर्ड, 57 सीबीएसई और 17 आईसीएसई के स्कूल्स हैं। अगर मंडल की बात करें तो स्कूलों की संख्या 1600 से ऊपर पहुंच जाएगी। नंबर्स के हिसाब से देखें तो प्रयागराज के 100 स्कूल्स में से सिर्फ एक महिला हॉकी प्लेयर ट्रायल में पहुंची।

ये टूर्नामेंट होते हैं हॉकी के।

36 हॉकी टूर्नामेंट होते हैं इंडिया में नेशनल लेवल पर।

2013 से हॉकी इंडिया लीग जैसी प्रोफेशनल लीग भी इंडिया में हो रही हैं।

1600 से ज्यादा स्कूल्स हैं कुल प्रयागराज मंडल में।

26 वुमन हॉकी प्लेयर्स ही पहुंची ट्रायल में भाग लेने के लिए।

16 खिलाडि़यों का सेलेक्शन हुआ है अलीगढ़ में होने वाले टूर्नामेंट के लिए

ये चुनी गई है टीम

26 से 28 सितंबर तक अलीगढ़ में होने वाली स्टेट लेवल प्रतियोगिता के लिए प्रयागराज मंडल की हॉकी टीम में 16 प्लेयर्स को चुना गया है। इनमें 15 प्रयागराज और एक कौशांबी से है। आकृति कुशवाहा, रचना वटेल, खुशबू प्रजापति, तनजीम असलम, अलीशा खान, हेमा नवैत, रिया सोनकर, सरिता राय, प्राची कुशवाहा, यासमीन, प्रतिभा यादव, शिवांगी, समृद्धि पांडेय, करिशमा, सरिता देवी, खुशबू कुमारी को टीम में चुना गया है। टीम मंगलवार को अलीगढ़ के लिए रवाना हो गई।

ये हो सकता है सॉल्यूशन

स्पो‌र्ट्स में पार्टिसिपेशन बढ़ाने के लिए सबसे पहले पैरेंट्स की काउंसिलिंग करनी होगी। उन्हें समझाना होगा कि खेलने से न केवल दिमागी विकास होता है बल्कि शारीरिक विकास भी होता है। केवल प्रोफेशनली न खेलें शौक के लिए भी खेलें।

इस कारण हो रहे खेलों से दूर

-आजकल की हैक्टिक लाइफ में हर कोई सक्सेज के पीछे भाग रहा है।

-पैरेंट्स भी चाहते हैं कि उनके बच्चे जल्द से जल्द सैटल हो जाएं।

-स्कूल से ही बच्चों पर एजुकेशन का बोझ डाल दिया जाता है।

-ऐसा माना जाता है कि स्पो‌र्ट्स एजुकेशन का दुश्मन है।

-मोबाइल और गैजेट्स के चलते बच्चे ग्राउंड स्पो‌र्ट्स से दूर हो रहे हैं।

स्कूल लेवल पर स्पोर्ट्स में पार्टिसिपेशन काफी कम हो पाता है। जबकि स्कूल्स में स्पो‌र्ट्स को बढ़ावा मिलना चाहिए। पैरेंट्स भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। वे सोचते हैं कि केवल पढ़ाई से ही कामयाबी मिल सकती है।

-हनी गौड़, एनआईसी हॉकी कोच मदन मोहन मालवीय स्टेडियम

स्पोटर््स में बच्चों की रूचि बढ़ाने के लिए स्कूल लेवल पर बच्चों और पैरेंट्स दोनों की काउंसिलिंग करनी होगी। स्पोटर््स से होने वाले फायदे उन्हें बताने होंगे।

-दानिश मुज्तबा, पूर्व नेशनल हॉकी प्लेयर