- 19 स्टेट के स्टूडें‌र्ट्स ने प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट के लिए किया आवेदन

- 276 स्टूडेंट्स ने प्रतियोगिता के लिए भेजी थी अपनी इंट्री

- 09 स्टूडेंट्स को निर्णायक मंडल ने किया फाइनल लिस्ट में शामिल

- 16 प्रोफेसर्स के निर्णायक मंडल ने प्रतिभागियों के प्रजेंटेशन पर दिया जजमेंट

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-दामोदरश्री राष्ट्रीय एकेडमिक विशिष्टता सम्मान समारोह 2019 में फाइनलिस्टों ने दिया प्रजेंटेशन

- फस्ट और सेकेंड रनर अप इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रा दीपाली तिवारी व सैफिरा हुसैन चौधरी

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PRAYAGRAJ: एसएस खन्ना डिग्री कालेज में बुधवार को प्रतिष्ठित दामोदरश्री राष्ट्रीय एकेडमिक विशिष्टता सम्मान समारोह 2019 का खिताब दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स पार्था मानिकतला को मिला। सदनलाल सांवल दास खन्ना महिला डिग्री कालेज व सारस्वत खत्री पाठशाला सोसाइटी की ओर से आयोजित हुए सम्मान समारोह में चीफ गेस्ट निदेशक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स नई दिल्ली डॉ। रणदीप गुलेरिया ने विनर को दो लाख रुपए का चेक, प्रमाणपत्र और ट्राफी दी गई। इस दौरान फस्ट और सेकेंड रनर अप इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रा दीपाली तिवारी व सैफिरा हुसैन चौधरी को मिला। दोनों विजेताओं को क्रमश: एक लाख और 50 हजार रुपए इनाम की राशि दी गई। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की प्रिया जौहरी को स्नातक वर्गीय सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाग और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, नई दिल्ली के रचित को विशेष पुरस्कार दिया गया।

दो सेशन में समारोह का हुआ आयोजन

द पाठशाला ऑडिटोरियम में सम्मान समारोह का आयोजन दो सेशन में किया गया। पहले सेशन की शुरुआत दीप प्रज्जवलन व गणेश वंदना के साथ हुआ। इसके बाद निबंध प्रतियोगिता में कुल प्रवृष्टियों में से फाइनल हुए नौ प्रतिभागियों ने मुख्य विषय पर अपनी प्रस्तुतियां दी। इस बार प्रतियोगिता के लिए पूरे देश के 19 राज्यों से कुल 276 स्टूडेंट्स ने अपनी प्रवृष्टियां भेजी थी। जिनमें से फाइनल हुए नौ प्रतिभागियों में 4 प्रतिभागी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रहे। जबकि एक प्रतिभागी इग्नू नई दिल्ली के अलावा बाबा भीमराव अम्बेडकर लखनऊ यूनिवर्सिटी, शम्भूनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ ला कालेज प्रयागराज व एक छात्र दिल्ली यूनिवर्सिटी से शामिल रहे। सभी फाइनलिस्ट प्रतिभागियों ने निर्णायक मंडल के सामने 'मानव वेदना की चुनौतिया'ं सब्जेक्ट पर प्रस्तुति दी।

जजेज की कसौटी पर प्रतिभागियों ने रखे तर्क

प्रजेंटेशन के दौरान फाइनलिस्टों ने जजेज की कसौटी पर खुद को परखने का हर संभव प्रयास किया। इविवि की दीपाली ने कहा मानव की वेदना की सबसे बड़ी चुनौती मानवता को बढ़ावा देना है। वहीं लखनऊ यनिवर्सिटी से सायकोलॉजी सब्जेक्ट से मास्टर कर रहे वरूण ने कहा मानव वेदना यूनिवर्सल है मानव में वेदना जागृत करने में अज्ञानता सबसे बड़ा बाधक है। इविवि शिक्षा शास्त्र की शोध छात्रा प्रिया जौहरी ने कहा वेदना में असीमित होती है। दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ स्टूडेंट्स पार्था मानिकलता ने मानव वेदना की चुनौतियों में एनवायरमेंट की बात कही। इविवि से गैजुएशन कर रहीं सैफिरा हुसैन चौधरी ने कहा ह्यूमन कम्पैजन को लाए और अपनी डिजायर को कंट्रोल करना है डिजायर के चलते लोग दूसरे लोग सफर होते हैं। निर्णायक मंडल के सदस्यों में प्रो। अल्का अग्रवाल, प्रो। रंजना प्रकाश, प्रो राजेश मिश्रा, डा। सौम्या कृष्णा। प्रा। यूसी श्रीवास्तव सहित कुल 16 प्रोफेसर जजेस की टीम थी। इसके अलावा निर्णायक मंडल में शामिल वाह्य परीक्षक और सदस्य दौलत राम कालेज दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्राचार्या प्रो। सविता राय रहीं। कार्यक्रम का आयोजन एस एस खन्ना डिग्री कालेज की प्रचार्या डा। लालिमा सिंह के देख रेख में हुआ। कार्यक्रम के दूसरे सेशन में जस्टिस अरूण टंडन, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो। रतन लाल हांगलू, डॉ। आशा सेठ, प्रो। मानस मुकुल दास, डॉ। आरके टंडन समेत अन्य लोग मौजूद रहे।