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डिग्री सेल्सियस टेम्प्रेचर की जरूरत होती है सीमेंट फैक्ट्रियों में कम्बेशन के समय

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मीट्रिक टन प्लास्टिक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सौंपी गयी सीमेंट फैक्ट्री को

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किलोमीटर के रेडियस में हर जगह इकट्ठा की जाएगी सिंगल यूज प्लास्टिक

पायलट प्रोजेक्ट तौर पर सीमेंट कंपनी के साथ हाथ मिलाने को नगर निगम तैयार

कोयले का विकल्प बनाने की तैयारी, प्लास्टिक में हाई टेम्प्रेचर देने की क्षमता

प्लास्टिक के केमिकल्स का दुष्प्रभाव भी नष्ट कर देगा हाई टेम्प्रेचर

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: फिलहाल तक टेंशन बनी सिंगल यूज प्लास्टिक से बने मॅटिरियर को एनर्जी सप्लीमेंट में कन्वर्ट करने की तैयारी है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे कोयले के विकल्प के तौर पर सीमेंट कंपनियां इस्तेमाल करेंगी। इसके बाद इसका इस्तेमाल बढ़ाया जायेगा। नगर निगम प्रयागराज ने मध्य प्रदेश के रीवां में सीमेंट प्लांट चलाने वाले एक बड़ी सीमेंट कंपनी के साथ हाथ मिलाने का फैसला लिया है। गांधी के जयंती के मौके पर मंगलवार को इसकी शुरुआत भी कर दी गयी। नगर निगम की तरफ से कंपनी को करीब साढ़े चार मीट्रिक टन प्लास्टिक की खेप दी गयी है। जल्द ही एमओयू पर भी साइन हो जाने की संभावना जतायी जा रही है।

पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं

नगर आयुक्त डॉ। उज्जवल कुमार बताते हैं कि सीमेंट फैक्ट्री में कम्बेशन के समय 1600 डिग्री सेल्सियस टेम्प्रेचर की जरूरत होती है। इस टेम्प्रेचर पर प्लास्टिक साइंटिफिकली एडजस्टेबल है। दूसरे शब्दों में कहें तो इस टेम्प्रेचर पर आकर यह एनर्जी सप्लीमेंट बन जाएगी। इसके सभी केमिकल्स व गैस इसी के साथ मेल्ट हो जाएंगे तो पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।

सेंट्रल गवर्नमेंट भी बढ़ा चुकी कदम

सेंट्रल गवर्नमेंट ने आज से ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर भी बैन लगा दिया है। इसके बाद अब इसके इफेक्टिव यूज पर बात होने लगी है। मेघालय में किये गये एक्सपेरीमेंट का रिजल्ट पॉजिटिव होने के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट ने सीमेंट कंपनियों की फैक्ट्रियों के भट्ठों को इसे डिस्ट्रॉय करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। नगर निगम के पर्यावरण अभियंता बताते हैं कि सीमेंट कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे फैक्ट्री के 200 किलोमीटर एरिया में स्थित शहरों व इलाकों से प्रतिबंधित और सिंगल यूज प्लास्टिक को फैक्ट्री ले जाएं और सीमेंट बनाने के लिए हाई टेम्परेचर वाली भट्ठी को चलाने के लिए प्लास्टिक का यूज करें।

बैन पॉलीथिन यूज न करने की अपील

बुधवार को गांधी जयंती के दिन नगर आयुक्त डॉ। उज्जवल कुमार और मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी की मौजूदगी में इंडिया प्लग रन मिशन ड्राइव का शुभारंभ किया गया। पब्लिक से प्रतिबंधित पॉलीथिन यूज न करने की अपील की गई। कटरा जोन ऑफिस में स्वच्छता अभियान के तहत कार्यालय में उपस्थित प्लास्टिक आदि सामग्री को अनुबंध के तहत सीमेंट कंपनी को दिया गया। इस दौरान कार्यकारिणी उपाध्यक्ष ओपी द्विवेदी, पार्षद कुसुमलता गुप्ता, नीलम यादव, मो। आजम, फजल खान, आकाश सोनकर, जयेंद्र सरोज, नंद लाल निषाद आदि मौजूद रहे।

महत्वपूर्ण तथ्य

भट्ठी में जाते ही पॉलीथिन और प्लास्टिक पूरी तरह से डिस्ट्रॉय हो जाएगा

सीमेंट फैक्ट्रियों की भट्ठियों में ईधन के तौर पर यूज होने के बाद पॉलीथिन और प्लास्टिक की हार्मफुल गैसें पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करतीं

हार्मफुल गैसें भट्ठी में ही खत्म हो जाती हैं

सीमेंट फैक्ट्री के भट्ठों से जहरीली गैस निकलने का खतरा कम होता है

सीमेंट फैक्ट्रियों के भट्ठे सीधे पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की निगरानी में होते हैं

जल्द ही साइन हो जाएगी एमओयू

सीमेंट कंपनियों की भट्ठी पॉलीथिन और प्लास्टिक को डिस्पोज करने के लिए बेस्ट है। इसमें प्लास्टिक से निकलने वाली खतरनाक गैस भी पूरी तरह से डिस्ट्रॉय हो जाएगी और यह एनर्जी के रूप में इस्तेमाल होगा। एनजीटी ने भी इस मेथड को एप्रूव किया है।

-उत्तम वर्मा

पर्यावरण अभियंता, नगर निगम, प्रयागराज