अगस्त

एक्सीडेंट एक्सीडेंट में मौत गंभीर चोट

94 38 55

सितंबर

एक्सीडेंट एक्सीडेंट में मौत गंभीर चोट

61 30 55

-वाहनों पर जुर्माना बढ़ने के बाद सड़क हादसों और हादसों में मरने वालों की संख्या में आई गिरावट

-अगस्त और सितंबर महीने के विभागीय आंकड़े दे रहे हैं गवाही

PRAYAGRAJ: एक सितंबर से लागू नए व्हीकल एक्ट के बाद जब जुर्माने बढ़ाए गए तो इसे लेकर लोगों की राय अलग-अलग थी। कुछ लोग इसे पब्लिक की जेब पर बोझ बता रहे थे। हालांकि अगस्त और सितंबर के रोड एक्सीडेंट के आंकड़े बता रहे हैं कि सख्ती से सुधार हो रहा है। रोड एक्सीडेंट ही नहीं मरने वालों की संख्या में भी गिरावट आई है। अगस्त की अपेक्षा सितंबर में आठ लोगों की मौत कम हुई है। वहीं अगस्त की तुलना में सितंबर में 33 एक्सीडेंट कम हुए हैं।

ट्रैफिक पुलिस की मेहनत लाई रंग

गवर्नमेंट ने एक सितंबर से नया ट्रैफिक रूल लागू किया। इसके तहत जहां ट्रैफिक रूल्स को सख्त किया गया, वहीं जुर्माने की रकम भी बढ़ा दी गई। गाडि़यों पर जुर्माने की रकम बढ़ने के बाद ट्रैफिक पुलिस ने भी सख्ती शुरू कर दी। ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान के बाद गाड़ी मालिकों को बढ़ी दर से हजारों रुपए का जुर्माना जमा करना पड़ा। परिणाम यह हुआ कि ट्रैफिक रूल्स के पालन को लेकर लोग अलर्ट हो गए।

जुर्माने के डर ने किया अलर्ट

पूरे देश में लागू हुए नए ट्रैफिक रूल्स में जुर्माने के कई कड़े प्रावधान किए गए हैं। अभी तक जुर्माना कम होने और ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन न होने के चलते लोग इसे लेकर बहुत कांशस नहीं रहते थे। नतीजा, लोग बिना हेलमेट के बाइक चलाते रोड पर चले जाते थे। इस लापरवाही के चलते कई बार लोगों ने अपनी जान तक गंवा दी। इसके अलावा ओवर स्पीडिंग, ट्रिपल राइडिंग, कार चलाते वक्त सीट बेल्ट यूज न करना, रेड लाइट जंप करना भी एक्सीडेंट की कुछ बड़ी वजहें रही हैं। लेकिन नए मोटर व्हीकल एक्ट में इन सभी के लिए भारी जुर्माने का प्रावधान होने से लोग सड़क पर चलते हुए ज्यादा अलर्ट हो गए हैं।

अभी सुधार की और गुंजाइश है। प्रयास किए जा रहे हैं। लोग चालान के डर से नहीं, सुरक्षा के लिहाज से खुद में सुधार ले आ लें तो एक्सीडेंट ही नहीं, ट्रैफिक की सारी समस्या ही समाप्त हो जाए। लोगों को अवेयर किए जाने के कार्य किए जा रहे हैं।

-कुलदीप सिंह, एसपी ट्रैफिक