-पीसीएस 2017 रिजल्ट में तीसरी रैंक पाने वाली मीनाक्षी ने बातचीत में फ्यूचर फोकस्ड एरिया पर की चर्चा

PRAYAGRAJ: पीसीएस में सेलेक्शन को केवल पांच परसेंट मानती हूं। अभी 95 फीसदी अपने दायित्वों की पूर्ति बाकी है। यह कहना है कि पीसीएस 2017 में तीसरा रैंक प्राप्त करने वाली प्रतापगढ़ की मीनाक्षी पांडे का। डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित मीनाक्षी भविष्य में वुमन इम्पावरमेंट की दिशा में काफी काम करना चाहती हैं। वह कहती हैं एसडीएम बनने के बाद सरकार की मंशा और योजनाओं को बढ़ावा देना अधिकारी का पहला काम होता है। लेकिन इसके अलावा समाज के प्रति भी अपने कर्तव्यों का पालन करना जरूरी है।

अधिकारी के लिए इमोशनली अटैचमेंट जरूरी

मीनाक्षी कहती हैं कि किसी भी अधिकारी के लिए जनता के साथ इमोशनली अटैचमेंट जरूरी है। उनके बीच में जाकर समस्याओं को नजदीक से देखना और फिर उसका सॉल्यूशन खोजना जरूरी है। वह कहती हैं कि हमारे रूरल एरियाज में अभी भी विकास हाशिए पर ही है। इसकी वजह लोगों में अवेयरनेस की कमी है। इसलिए मेरा काम लोगों के बीच जागरुकता की लौ जगाना होगा। 2016 की परीक्षा में उनका चयन नायब तहसीलदार पद पर हो चुका है लेकिन उन्होंने अभी ज्वाइन नहीं किया। वह लीव पर चल रही हैं। अब डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है।

माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय

मंडी सचिव रह चुके राज नारायण पांडे और पूर्व प्रिंसिपल काकैनी पांडेय की बिटिया मीनाक्षी अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देती हैं। वह कहती हैं कि माता-पिता की प्रेरणा से ही उनको यह कामयाबी मिली है। वह आईएएस बनना चाहती थीं, लेकिन यह ख्वाब पूरा नहीं हो सका। उन्होंने प्रतापगढ़ से ग्रेजुएशन और इलाहाबाद विवि से इंग्लिश लिट्रेचर में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। 2012 से वह सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थीं। फिलहाल अभी उनका फोकस पूरी तरह से काम पर है और अपने इस चयन को सार्थक करने की कोशिशों को शुरू कर चुकी हैं।