-बाढ़ के कारण करेली के कई एरियाज में लोगों का रहना हुआ मुश्किल

-नालों के चोक होने से गली में भरने लगा सीवर का पानी

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PRAYAGRAJ: गंगा-यमुना के बढ़ते जल स्तर से निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। वहीं आस-पास के एरियाज पर भी बाढ़ का असर साफ दिखने लगा है। करेली समेत तमाम एरियाज में इस समय लोगों की जिंदगी नर्क बन गई है। असल में नदियों में पानी बढ़ने के बाद यहां नाले उफान पर हैं। यह नाले बैकफ्लो कर रहे हैं और इसके चलते सड़क और गलियों में वॉटरलॉगिंग हो चुकी है। नाले का पानी इतना अधिक बढ़ गया है कि लोग घरों में कैद होकर रहने के लिए मजबूर हो गए है।

बढ़ गई मुश्किलें

करेली एरिया में यमुना में पानी लगातार बढ़ रहा है। इसका असर ससुर खदेरी नदी के वॉटर लेवल पर भी पड़ रहा है। इस नदी में पानी बढ़ने के चलते एरिया के सभी नाले चोक हो गए हैं। इससे सीवर लाइन के जरिए घर के शौचालय में नाले का पानी उफान मारते हुए घर में घुसने लगा है। यह लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुका है। करेली के गौस नगर में रहने वाले मो। मुस्लिम ने बताया कि घर में चारों तरफ नाले का गंदा पानी भरा हुआ है। स्थिति ऐसी हो गई कि घर में भारी बदबू बनी हुई है। इस वजह से यहां रहना तक मुश्किल हो गया है। मोहल्ले में कई लोग अपना जरूरी सामान लेकर सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। मोहल्ले में भी रहना सेफ नहीं लगता है।

पूरी रात जागते हैं लोग

गौस नगर के ही एम सिद्दिकी ने बताया कि बाढ़ का पानी आस-पास के एरियाज तक पहुंच गया है। ऐसे में सभी लोग पूरी रात जागते हुए बिताने पर मजबूर हैं। रात में घर से निकलने में भी गंदगी और बदबू के कारण भारी मुसीबत हो रही है। नाले और चोक सीवर से निकल रहे गंदे पानी में तरह-तरह के खतरनाक जीव जंतु हैं। इससे भी लोग डरे-सहमे हुए हैं।

कॉलिंग

अचानक से नाले और सीवर का पानी सड़कों और गलियों में भर गया है। इसके चलते किसी सुरक्षित स्थान पर जाने और अपने सामान की सुरक्षित करने का मौका नहीं मिला। मजबूरी में इसी गंदगी में रहने का बेबस है।

-मो। मुस्लिम

घर के शौचालय का भी पानी नहीं निकल रहा है। यह भी चोक हो गए हैं। इससे लोगों को वॉशरूम की प्रॉब्लम होती है। इस हालत में भी यहां अभी तक किसी भी प्रकार की मदद के लिए कोई नहीं पहुंचा है।

-एम सिद्दीकी

नाले चोक हो जाने के कारण सड़कों पर भीषण गंदगी और बदबू बनी हुई है। इससे हर कोई परेशान है। लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर इस समस्या से कैसे निपटा जाए।

-मो। इस्लाम

आज पछतावा हो रहा है कि आखिर ऐसी जगह पर क्यों जमीन लेकर मकान बनवाया है। सिर्फ हम ही नहीं मोहल्ले में हर कोई परेशान है। कई लोग तो मोहल्ला छोड़कर चले गए हैं। यही हाल रहा तो हमें भी कोई ऑप्शन देखना पड़ेगा।

-मो। इस्लाम