कोड था 'सात कलश रख दो'

पकड़े गए सभी संदिग्ध आतंकी एक दूसरे से बातचीत करने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे। इसी कोड के जरिए वह बाहर भी संपर्क साधते थे। सीआईए को किसी तरह इस बातचीत का पता चल गया। इनका कोड वर्ड था 'सात कलश रख दो'। सीआईए ने इसको डिकोड किया और भारतीय एजेंसियों को अलर्ट कर दिया। 'सात कलश रख दो' का मतलब है 'सात जगह बम ब्लास्ट कर दो।' सीआईए लगातार पश्चिमी एशिया में इंटरनेट और फोन पर आईएस की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। पिछले सप्ताह सीआईए से मिली जानकारी के इस आधार पर ही भारत की खुफिया एजेंसियों ने आईएसआईएस सेल को ध्वस्त करने में सफलता प्राप्त की।

CIA कर रही थी निगरानी

सूत्रों ने बताया कि सीरिया और इराक में आईएस जो सैकड़ो कंप्यूटर और स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहा है उनके आईपी एड्रेस की सीआईए की टीम निगरानी कर रहा है। आईएसआईएस के लोग कई आईपी एड्रेस का इस्तेमाल फेसबुक के लिए भी कर रहे हैं। उसमें से एक था आईएस का कमांडर शाफी अरमार। इसका कोड नेम यूसुफ अल हिंद था। उसी ने भारत में अखलाक उर रहमान से बात की थी। इसके बाद अखलाक सहित चार संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

गणतंत्र दिवस पर थी हमले की योजना

गणतंत्र दिवस पर आतंकी हमले के मद्देनजर रखते हुए एनआईए और एटीएस ने शुक्रवार को देश में आईएसआईएस के नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए 18 संदिग्धों को धर दबोचा इससे पहले एनआईए और एटीएस की टीम ने पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया। वहीं नौ संदिग्ध आतंकियो को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। ये सभी आतंकी हमले के लिए हथियार जुटाने की कोशिश कर रहे थे। ये सभी आइईडी बम बनाने का सामान भी एकत्र कर रहे थे। आतंकवादी संगठन गणतंत्र दिवस के रंग में भंग डालने की फिराक में लगे आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करने के ऑपरेशन को एनएसए के अजित डोभाल मॉनीटर कर रहे हैं। खुफिया और सुरक्षा बलों की बैठक में डोभाल ने सभी आला अधिकारियों को साफ कहा कि किसी भी आतंकी हमले का इनपुट मिलने के बाद रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से भी कम होना चाहिए।

कई सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली में डाला डेरा

प्राप्त जानकारी के अनुसार, रॉ, आईबी, एनएसजी, दिल्ली पुलिस, एनआईए, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ और गणतंत्र दिवस की सुरक्षा में लगे सभी सुरक्षा बलों के डीजी समेत आला अधिकारियों को 26 जनवरी तक दिल्ली में रहने और दिन-रात इमरजेंसी बैठक के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। इसी मिशन के तहत पिछले कुछ दिनों से राजधानी में सुरक्षा बलों ने कई जगहों पर मॉक ड्रिल को अंजाम दिया। इससे खासतौर पर एनएसजी और दिल्ली पुलिस मॉल, होटल और भीड़भाड़ वाली जगह पर आतंकी हमले को नाकाम कर सके।

खुफिया तौर पर की जा रही निगरानी

गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आंतरिक सुरक्षा एमए गणपति के मुताबिक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में फैले ये आतंकी पहले से खुफिया ब्यूरो के रडार पर थे। पिछले छह महीनों से उनकी ऑनलाइन और ऑफलाइन गतिविधियों पर ब्यूरो नजर रख रहा था। जैसे ही इन आतंकियों ने हमला करने के लिए हथियार खरीदने की तैयारी शुरू की और कुछ आइईडी बम बनाने के सामान जुटाने के संकेत मिले। वैसे ही एनआईए ने सभी को धर दबोचा।

शुक्रवार को 14 आतंकियों को दबोचा

शुक्रवार को 14 आतंकियों को हिरासत में लिया गया है। उनमें से तीन मुंबई चार हैदराबाद चार बेंगलुरू एक मंगलुरू एक टुनकुर और एक लखनऊ से है। मुंबई के रहने वाले मुदब्बीर मुस्ताक शेख, हैदराबाद के मोहम्मद नफीस खान, शरीफ मोउनुद्दीन खान मंगलुरू के नजमुल हुडा और बंगलुरु के मोहम्मद अफजल को गिरफ्तार कर लिया गया है। गणपति ने बताया कि बाकी के नौ संदिग्ध आतंकियो को हिरासत में लेकर पूछताछ की जारही है। उनके खिलाफ ठोस सबूत मिलने पपर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

देश के कई शहरों में थी ब्लास्ट की साजिश

आतंकियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि अलग-अलग शहरों में रहने वाले इन आतंकियों में कुछ एक दूसरे को जानते हैं। लेकिन ये सभी यूसुफ नाम के आतंकवादी के आनलाइन संपर्क में थे। सुरक्षा एजेंसियों की माने तो यूसुफ कोई और नहीं आईएम का पूर्व आतंकी सफी अरमर है। स्काइप और दूसरे सोशल साइट्स पर बातचीत में अरमर इन पर जल्द ही कोई आतंकी हमला करने का दबाव बना रहा था। अरमर नए आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने के लिए भारत में ही कैंप भी लगाना चाहता था ताकि उन्हें आइईडी बम बनाने से लकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा सके। लेकिन अभी तक यह ट्रेनिंग कैंप नहीं लगाया जा सका है। इससे पहले सफी चाहता था कि सभी आतंकी लोकल स्तर पर विस्फोट कर अपनी क्षमता का परिचय दें। इसके लिए इन्हें छह लाख रुपये भी पहुंचाए गए थे। छापे के दौरान एनआईए को इनके ठिकानों से आइईडी बम बनाने में प्रयोग होने वाला काफी सामान भी मिला है।

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