- स्टूडेंट्स जुटने लगे हैं तैयारियों में, होमवर्क पूरा करने में जुटे हैं पेरेंट्स

- लेवल से हाई प्रोजेक्ट्स व होमवर्क को पूरा करने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं।

MEERUT- इन दिनों पेरेंट्स और स्टूडेंट्स बस भाग दौड़ में लगे हुए हैं। नौ दिन बाद यानि एक जुलाई को स्कूल्स खुलने वाले हैं, ऐसे में हाई लेवल के होमवर्क व प्रोजेक्ट्स वर्क को पूरा करने के लिए पेरेंट्स व स्टूडेंट्स दोनों जुट गए हैं। होमवर्क में दिए हुए प्रोजेक्ट्स को लेकर स्टूडेंट्स एंड पेरेंट्स जगह-जगह चक्कर काट रहे हैं। इन दिनों वो होमवर्क को जुटाने में लगे हैं।

भटक रहे हैं पेरेंट्स

स्कूलों ने बच्चों को इस तरह के प्रोजेक्ट दिए हैं जो उनके लेवल से कहीं ऊपर है। कुछ ऐसे हैं जिनके बारे में स्टूडेंट्स को पता ही नहीं है। ऐसे में स्टूडेंट्स के साथ ही पेरेंट्स भी परेशान हो रहे हैं। स्टूडेंट्स के साथ उनके पेरेंट्स भी उनके प्रोजेक्ट्स और हॉलीडे होमवर्क को लेकर भटक रहे हैं। सभी के सामने यहीं टेंशन है कि आखिर नौ दिन बचे हैं और उनके बच्चों का होमवर्क पूरा नहीं हो पा रहा है।

जेब पर भारी प्रोजेक्ट्स

स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले होमवर्क व प्रोजेक्ट्स पेरेंट्स की जेब पर भारी पड़ रहे हैं। स्कूल्स ने बच्चों को कुछ ऐसे प्रोजेक्ट्स दिए हैं जिनमें कहीं न कहीं स्कूलों और दुकानदारों की आपसी कमीशन का खेल भी सामने आ रहा है।

बाजार से बनवाने हैं प्रोजेक्ट

स्कूलों में बिना नॉलेज दिए हुए हाई लेवल के प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए बच्चे प्रोजेक्ट्स बनाने वालों के चक्कर काट रहे हैं। बाजार में इन प्रोजेक्ट्स को बनाने वाले 300 रुपए से लेकर एक हजार रुपए तक ले रहे हैं।

क्या कहते हैं पेरेंट्स?

स्कूलों में कुछ इस तरह के प्रोजेक्ट्स दिए जाते हैं। जिनके बारे में बच्चों को नॉलेज ही नहीं होती है। ऐसे में बच्चों को मजबूरी में बाजार में जाकर महंगे प्रोजेक्ट्स बनवाने पड़ रहे हैं।

प्रतिभा, बेगमबाग

स्कूल्स बच्चों को उनकी क्लास के लेवल से ऊपर उठकर प्रोजेक्ट्स बनाने के लिए दे रहे हैं। ऐसे में उनके होमवर्क व प्रोजेक्ट्स के लिए इंटरनेट का सहारा लेना पड़ रहा है।

जसविंद्र, सदर