- नसीमुद्दीन ने नौ तारीख को हुई बातचीत की तीन रिकॉर्डिग सार्वजनिक की

- आनंद कुमार और सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा टार्चर किए जाने की बात कहने पर काटा फोन

- इससे पहले फोन पर बोलीं मायावती, मेरा फोन टेप हो रहा हैं, सामने बात करेंगे

LUCKNOW :

नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके पुत्र को बसपा से निकाले जाने का ऐलान दस मई को हुआ था, लेकिन इससे एक दिन पहले इसकी पटकथा लिखी जा चुकी थी। नसीमुद्दीन ने आज मीडिया के सामने नौ तारीख को मायावती के घर से आई फोन कॉल्स की रिकॉर्डिग सार्वजनिक की जिसमें से खुद मायावती उनसे बात कर रही हैं। इसमें जैसे ही नसीमुद्दीन ने उनसे कहा कि आपने, आनंद भैया ने और सतीश चंद्र मिश्रा ने मुझे बहुत टॉर्चर किया है, मैं आपसे डरने लगा हूं। यह सुनते ही मायावती ने फोन काट दिया और नसीमुद्दीन की बसपा से विदाई तय हो गयी।

मेरा फोन टेप हो रहा है

नसीमुद्दीन ने दावा किया कि मायावती उनसे लगातार पैसों की मांग कर रही थी। कहा कि सिवालखास, लोनी और मोदीनगर के प्रत्याशी चुनाव हारने के बाद मेंबरशिप के पैसे देने में आनाकानी कर रहे थे। तमाम अन्य जगहों से भी मेंबरशिप का पैसा भी नहीं मिल रहा था। मायावती ने इन लोगों को नौ मई की शाम बुलाकर उनसे मिलवाने और पैसा लेने का काम मुझे सौंप दिया। मैंने उनसे कहा कि यह पैसा अतर सिंह राव ने ले लिया है। लेकिन वे यह मानने को तैयार नहीं थी और बार-बार मेरे ऊपर पैसा लेकर आने का दबाव डाल रही थी। साथ ही मुझसे जल्दी अलग से पचास करोड़ का इंतजाम करने का कह रही थीं। नसीमुद्दीन ने कई रिकॉर्डिग सुनाई जिसमें मायावती उनसे जल्दी हिसाब करने की बात कह रही हैं। नौ मई को जब पैसा देने वालों को साथ लाने को कहा गया था, वे अपने घर पर उनका इंतजार कर रहे थे, तभी मायावती का फोन आया और उन्होंने तुरंत घर आने का कहा। इस पर नसीमुद्दीन ने टार्चर करने की बात कही जिसके बाद उनकी बर्खास्तगी तय हो गयी।

रिकॉर्डिग के प्रमुख अंश

मायावती : हैलो, वो लोग आए नहीं

नसीमुद्दीन : बहिनजी, वो लोग कह रहे हैं कि आ रहे हैं

मायावती : कोई बात नहीं, आप आ जाओ

नसीमुद्दीन : बहिनजी वो लोग आ जाते तो ज्यादा अच्छा रहता वरना वे लोग चले जाएंगे

मायावती : पता नहीं कितने बजे आएंगे, आपसे बात करनी है, आ जाओ

नसीमुद्दीन : बहिनजी मैं बहुत टॉर्चर हो चुका हूं। आपने, आनंद भैया और मिश्राजी ने मुझे बहुत टार्चर किया है मुझे, बहिनजी मुझे अब डर लगता है आपसे

(इसके बाद अचानक फोन कट गया)

दूसरी रिकॉर्डिग

मायावती : जो काम आपको कहा गया है, उसे जल्दी करो।

नसीमुद्दीन : बहिनजी उसी में लगे हुए हैं, मैं आपको नाराज नहीं देखना चाहता

मायावती : जल्दी कर लोगे तो आगे बढ़ जाओगे

नसीमुद्दीन : जो आपका आदेश है बहिनजी, मुझे उसका पालन करना है, इसके आगे मैं क्या कहूं

मायावती : दूसरा क्या है लिख लो जरा सा, सिवालखास जो विधानसभा की सीट है जिसको आपने मेंबरशिप की किताबें दिलाई थी उससे बात करो दूसरा मोदीनगर वाला है जिसको आपने टिकट दिलाया था और एक लोनी वाला है। ये अमर पाल शर्मा वाली सीट वाला बहुत इधर उधर कर रहा है ये आपकी जिम्मेदारी बनती है आपने टिकट दिलाई थी

नसीमुद्दीन : मैं बोलता हूं, मैं चला भी जाऊंगा काम निपट जाए। मैं आपको नाराज नहीं देखना चाहता है जो आपका आदेश है मैं एक-एक प्रॉपर्टी बेच दूंगा, मैं जल्दी गाजियाबाद चला जाऊंगा। सब कुछ आपके लिए है। मैं बच्चों और परिवार से ज्यादा आपको मानता हूं। मैं सब चल-अचल संपत्ति बेचकर आपको दे दूंगा।

रिकॉर्डिग में ये भी बोलीं मायावती

-सिवालखास वाला मेंबरशिप के पैसे नहीं दे रहा है। लोनी और मोदीनगर वाले को आपने टिकट दिलाई थी, उनसे हिसाब करो। ये अमरपाल शर्मा वाली सीट पर खड़ा हुआ जलालुद्दीन भी इधर-उधर कर रहा है। ये आपकी जिम्मेदारी है। आपने अपनी जिम्मेदारी पर सीट दिलवाई थी। अब वह आनाकानी कर रहा है। यह आपके लिए भी जरूरी है। साथ ही अपने वाले पैसे का भी जल्दी इंतजाम करो। जल्दी कर लोगे तो आगे बढ़ जाओगे। उम्मीद बहुत बड़ी चीज होती है।

- ये बताओ कि बांदा में जो कुशवाहा खड़ा हुआ था उसे कितना वोट मिला है।

कुशवाहा के बारे में कुछ सोचना होगा। ओबीसी में और भी जातियां हैं जिन्हें हम बढ़ावा दे सकते हैं। मानिकपुर और ललितपुर में भी ऐसा हुआ है। मुस्लिम समाज को भी मेंबर बनाने होंगे। बसपा ने आपको बहुत कुछ दिया है। कई विभागों का मंत्री बनाया।

- मैंने आपको जो काम कहा था, उसे करो। मैं मध्य प्रदेश वालों को बोल देती हूं कि निकाय चुनाव तक रुके रहो। मैं उनको बहाना बना देती हूं। आपको जो करना है जल्दी करो।