इस वायरस से तेज सिरदर्द और बुखार

कोझिकोड (पीटीआई)। केरल में निपाह वायरस का प्रकोप हो गया है। कोझिकोड जिले में सिरदर्द और तेज बुखार के बाद एक ही परिवार के तीन लोगों की जान चली गई। उनका इलाज करने वाली नर्स लिनी की सोमवार सुबह मौत हो गई। नजदीकी मलप्पुरम जिले में भी इन्हीं लक्षणों के साथ पांच लोगों के मरने की सूचना है। सिरदर्द और बुखार से पीडि़त नौ लोगों पर नजर रखी जा रही है। पीडि़त को सांस लेने में तकलीफ होना भी वायरस प्रकोप का एक प्रमुख लक्षण है।

विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम नई दिल्ली से केरल रवाना

निपाह के प्रकोप का पता चलते ही राज्य व केंद्र के स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम नई दिल्ली से केरल भेजी है। जिनेवा में मौजूद नड्डा ने इस बाबत राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से बात की है। तमिलनाडु ने सीमावर्ती जिलों में सतर्कता के निर्देश दिए हैं। कोझिकोड जिले में एक ही परिवार के तीन लोग चंद रोज पहले तेज सिरदर्द और बुखार से पीडि़त हुए। रविवार को कुछ समय के अंतराल में उनकी मौत हो गई। मरने वालों में दो युवा सगे भाई थे। परिवार में पिता भी बीमार हैं, उनका विशेषज्ञों की देखरेख में इलाज चल रहा है। उनका इलाज करने वाली नर्स की मौत वायरस के संक्रमण से होने की पुष्टि नहीं हुई है।

1998 में मलेशिया के निपाह नाम कस्बे में फैला

वैसे मरीजों का इलाज करने वाली दो अन्य नर्से भी बीमार हैं, उनका इलाज कोझिकोड के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है। अभी तक के अनुभवों से पता चला है कि निपाह वायरस जानवरों और पीड़ित मनुष्यों के जरिये फैलता है। सबसे पहले 1998 में मलेशिया के निपाह नाम के कस्बे में यह वायरस सुअर के जरिये फैला था और इसने कई लोगों की जान ले ली थी। इसके बाद इसका प्रकोप सिंगापुर में हुआ था। 2004 में इसका असर बांग्लादेश में हुआ। यह वायरस सुअर के अतिरिक्त चमगादड़ के जरिये भी फैलता है। माना जा रहा है कि कोझिकोड में चमगादड़ों ने किसी फल को खाया, बाद में वही फल पीडि़त परिवार में से किसी ने खा लिया और वायरस का असर हो गया। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने मृतकों के घर में चमगादड़ मिलने की पुष्टि की है। उसे फिलहाल घर में ही बंद कर दिया गया है।

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लाइलाज है यह बीमारी

निपाह वायरस से होने वाली बीमारी लाइलाज है। लेकिन राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए हाई अलर्ट घोषित कर दिया है और दो नियंत्रण कक्ष स्थापित कर सिरदर्द और बुखार पीडि़तों पर नजर रखी जा रही है। कुछ मामलों में पीडि़त व्यक्ति कोमा में भी चला जाता है। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने अस्पतालों को इलाज में कोताही न बरतने के सख्त निर्देश दिए हैं। कहा है, किसी भी बुखार पीडि़त को बिना इलाज के लौटाया न जाए। केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस भी सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने इस सिलसिले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा से बात की है।

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