नई दिल्ली (पीटीआई)। Nirbhaya case 2012 निर्भया दुष्कर्म केस में फांसी की सजा पाए चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने शुक्रवार को देश की सर्वोच्च अदालत में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की। पवन ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की है। यही नहीं पवन का यह भी कहना है कि ट्रॉयल कोर्ट ने फांसी के लिए जो ब्लैक वारंट जारी किया है उस पर रोक लगा दी जाए। पवन को अन्य तीन दोषियों के साथ तीन मार्च को फांसी पर लटकाया जाना है मगर उससे पहले क्यूरेटिव याचिका दाखिल कर पवन ने एक और कानूनी पैतरा चला है। क्यूरेटिव पिटीशन में कहा गया है कि उसे मौत की सजा नहीं दी जाए।

पवन के पास एक और विकल्प है बाकी

निर्भया केस में पवन अकेला ऐसा अपराधी है जिसने अपने सभी कानूनी पैतरे समाप्त नहीं किए हैं। बताते चलें 17 फरवरी को ट्रायल कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी के लिए नया डेथ वारेंट जारी किया था। इसके मुताबिक मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के जुर्म में 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है। सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों को केंद्र सरकार की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है। मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका राष्ट्रपति ने पहले ही खारिज कर दिया है। चौथे दोषी पवन ने अब सुप्रीम कोर्ट में अपनी क्यूरेटिव पीटिशन दाखिल की है। यही नहीं उसके पास अभी राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करने का भी विकल्प बचा है।

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