--सीएम ने की घोषणा, झारखंड सरकार केंद्र को भेजेगी अनुशंसा

RANCHI (3 Jan) : पंद्रह दिसंबर की रात बूटी बस्ती में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की शिकार हुई बीटेक छात्रा के मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने की अनुशंसा कर दी गई है। इस कांड के क्8 दिनों के बाद भी रांची पुलिस को कोई सुराग नहीं मिलने के कारण मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीबीआई जांच की अनुशंसा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने का निर्देश राज्य के अधिकारियों को दे दिया।

सड़क पर उतरे छात्र, किया प्रदर्शन

इधर, मंगलवार को छात्र संगठन और कॉलेज के कई छात्र-छात्राओं ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। छात्र रातू रोड चौक पर बैठ गए और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। छात्रों ने कहा कि एडीजी और सीएम ने कई बार बयान दिया है कि ख् दिन में मामले का खुलासा हो जाएगा। पर सभी के दावे खोखले साबित हुए। एक घंटे तक सड़क पर हंगामा करने के बाद सभी छात्र वरीय पदाधिकारी से मिले और उनसे हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की।

कई बार हो चुका है धरना-प्रदर्शन

रांची की 'निर्भया' के कत्ल के खिलाफ छात्रों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा था। कई निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने कुछ दिनों पहले एनएच फ्फ् पर प्रदर्शन किया था। सड़कों पर हाय-हाय के नारे लगाए। इस मामले में आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने रांची पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया था।

पटना ब्रांच को मिल सकता है जिम्मा

निर्भया जैसे मामले की जांच के लिए सीबीआइ की पटना क्राइम ब्रांच को विशेषज्ञ माना जाता है। आसपास में सीबीआइ की पटना में क्राइम ब्रांच की एक मात्र शाखा है। झारखंड भी सीबीआइ के पटना जोन में ही आता है। संभव है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मामले को अधिसूचित किए जाने के बाद सीबीआइ मुख्यालय मामले की जांच पटना स्थित क्राइम ब्रांच को सौंप दे। रांची में सीबीआइ की दो शाखाएं हैं। एक आर्थिक अपराध से जुड़े मामले की जांच करती है तो दूसरी भ्रष्टाचार के मामले की।

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रांची पुलिस की जारी रहेगी जांच

राज्य सरकार द्वारा मामले की सीबीआइ से जांच कराने की अनुशंसा के बाद भी रांची पुलिस की जांच अभी जारी रहेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कार्रवाई करने के बाद भी करीब दो सप्ताह का समय सीबीआइ को मामले के टेकओवर में लग सकता है। जब तक सीबीआइ मामले को विधिवत टेकओवर नहीं करती, तबतक रांची पुलिस की एसआइटी जांच जारी रखेगी।

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कब-कब क्या हुआ

क्म् दिसंबर : सुबह आठ बजे इस कांड के बारे में पुलिस को सूचना मिली। जांच शुरू हुई।

क्7 दिसंबर : शव का अंतिम संस्कार किया गया। शक के आधार पर छह युवकों को उठाया, पूछताछ कर छोड़ा।

क्8 दिसंबर : फोरेंसिक की टीम ने घटनास्थल की सूक्ष्म जांच की। शहर में आक्रोश पनपना शुरू हुआ।

क्9 दिसंबर : एक हजार छात्रों ने बूटी मोड़ चौराहे को चार घंटे तक जाम किया। पुलिस ने फिर चार को हिरासत में। नतीजा सिफर।

ख्0 दिसंबर : पुलिस का दावा शीघ्र खुलासा कर लेंगे। थोड़ा वक्त जरूर लगेगा, साक्ष्य संकलन जारी है।

ख्क् दिसंबर : निर्भया के कॉलेज जाकर पुलिस ने सहेलियों से जानकारी ली।

ख्ख् दिसंबर : निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए फिर सड़क पर उतरे लोग।

ख्फ् दिसंबर : कॉलेज की छात्र-छात्राओं ने कहा, मुहल्ले से लेकर कॉलेज तक मनचलों ने किया था छात्रा का पीछा। पुलिस के हाथ रहे खाली।

ख्ब् दिसंबर : पुलिस ने मुहल्ले के एक-एक घर का ब्योरा व इतिहास खंगाला।

ख्भ् दिसंबर : क्राइम सीन तैयार कर जांच को दिशा देने की कोशिश हुई। छात्रा के मोबाइल, फेसबुक व वाट्सएप तक को खंगाला, पर सुराग नहीं मिला।

ख्म् दिसंबर : मुख्यमंत्री ने छात्रों को दिया ब्8 घंटे के भीतर कांड को सुलझा लेने का आश्वासन।

ख्7 दिसंबर : कोई उपलब्धि नहीं। छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन जारी रहा।

ख्8 दिसंबर : मुख्यमंत्री ने कहा, सफेदपोश का हाथ। ब्8 घंटे में खुलासा नहीं हुआ तो केस सीबीआइ को।

ख्9 दिसंबर : कोलकाता गई टीम को भी सफलता नहीं। टीम वापस लौट आई।

फ्0 दिसंबर : पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि।

फ्क् दिसंबर : सीएम का डेडलाइन भी खत्म हुआ। पुलिस के पास कोई सुराग नहीं।

0क् जनवरी : मृतका के वाट्सएप से मिले कई संदिग्ध नंबर।

0ख् जनवरी : मामले में कोई प्रगति नहीं। पुलिस मुहल्ले से लेकर कॉलेज तक का डेटाबेस तैयार करने में जुटी।

0फ् जनवरी : मुख्यमंत्री ने की सीबीइआइ जांच की अनुशंसा।