नई दिल्ली (पीटीआई) सैकड़ों लोग तिहाड़ सेंट्रल जेल के बाहर इकट्ठे हुए हैं। सब लोग निर्भया के दोषियों की फांसी से पहले वहां जमा हुए हैं। कुछ लोगों के हाथ में न्यायपालिका को धन्यवाद देने वाले पोस्टर हैं। सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना के हाथ में एक पोस्टर है जिस पर लिखा है 'निर्भया को न्याय मिला। और भी बेटियां इंतजार में', उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी न्याय तंत्र की जीत है। उनका कहना था कि आखिरकार न्याय हो ही गया।

सामूहिक दुष्कर्म और हत्या में फांसी की सजा

पीड़ित परिवार से संबंधित आकाश दीप ने कहा कि उन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जीत पाई है। उन्होंने कहा कि आज कैसे न्याय मिलता है इस लड़ाई से उन्हें यह सीख मिली है। मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31), को 23 साल की एक फिजियोथेरेपी छात्र के साथ 16 दिसंबर, 2012 सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के जुर्म में फांसी की सजा दी गई है।

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