नई दिल्ली (पीटीआई)। Nirbhaya case राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा पाने वाले चार लोगों में से एक पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पवन की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है। पवन गुप्ता इस मामले में दया याचिका दायर करने का आखिरी दोषी था। इससे पहले सोमवार को कई घंटे लंबी सुनवाई के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी क्योंकि तीन मार्च को होने वाली फांसी से कुछ घंटे पहले दोषी पवन ने याचिका दाखिल करके कहा था कि उसकी दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास लंबित है।

दिल्ली हाईकोर्ट से भी झटका लगा बड़ा झटका

वहीं इसके पहले आज दोषियों को दिल्ली हाईकोर्ट से भी झटका लगा है। हाईकोर्ट ने फांसी की सजा पाए चारों दोषियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता को पहले एनएचआरसी से संपर्क करना चाहिए था। इस दाैरान जब वहां कुछ नहीं होता तब अदालत के अधिकार क्षेत्र में इसे लाना चाहिए था। निर्भया मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

पैरामेडिकल छात्रा से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म

बता दें कि साथ 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक 23साल की पैरामेडिकल छात्रा से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला मामले मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, पवन कुमार गुप्ता, राम सिंह और एक किशोर दोषी था। इस मामले में दोषी राम सिंह ने कथित ताैर पर जेल में आत्महत्या कर ली थी। इसके अलावा एक और आरोपी किशोर को किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था। हालांकि वह तीन साल तक सुधार गृह में रहने के बाद रिहा हो गया था।

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