नई दिल्ली (पीटीआई)। Nirbhaya case सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक, पवन गुप्ता द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, पवन ने नाबालिग होने के दावे को खारिज करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था। जस्टिस आर बनुमथी, अशोक भूषण और ए एस बोपन्ना की एक पीठ ने शुक्रवार दोपहर दायर की गई समीक्षा याचिका पर विचार करने के बाद उसे खारिज किया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को दोषी पवन की याचिका को खारिज कर दिया था, उसमें उसने दावा किया था कि घटना के समय वह नाबालिग था।

एक फरवरी को दी जानी है फांसी

बता दें कि सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चार दोषियों को 1 फरवरी को फांसी दी जानी है लेकिन ऐसा होने की संभावना नहीं है क्योंकि उनमें से एक ने बुधवार को राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी। इससे पहले दिन में, तिहाड़ जेल प्रशासन ने दिल्ली की एक अदालत को बताया था कि निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जा सकती है।

Nirbhaya Case: तिहाड़ जेल में दोषियों के डमी को पवन जल्लाद ने दी फांसी

पैरामेडिकल छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या

बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म कर उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था। 29 दिसंबर को उसकी माैत हो गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दोषी अक्षय, मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को फांसी होनी है जबकि एक दोषी आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। वहीं एक अन्य आरोपी किशोर को किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था।उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था।

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