RANCHI:15 दिसंबर 2016 की वह काली रात, रांची के लोगों के जेहन से भुलाए नहीं भुलती। एक डरावने सपने की तरह 16 दिसम्बर की सुबह एक जघन्य हत्याकांड सामने आया। बूटी बस्ती में किराए के कमरे में रहने वाली बीटेक की छात्रा के साथ पहले गैंगरेप किया गया और उसके बाद चेहरे पर मोबिल डालकर उसे जला दिया गया। लाश ऐसी हालत में थी कि जिसने भी देखा वो स्तब्ध रह गया। रांची शहर के लिए यह अपनी तरह का पहला मामला था जिसके प्रकाश में आने के बाद हर व्यक्ति अपने घर की बहन-बेटी की सुरक्षा को लेकर सशंकित हो उठा। जांच में पुलिस और सीआईडी ने जब हथियार डाल दिए तब सीबीआई ने मोर्चा संभाला, और देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी ने मामले का खुलासा करते हुए कुख्यात अपराधी, हिस्ट्रीशीटर और रेपिस्ट राहुल राज उर्फ डोडे को लखनऊ से दबोच लिया।

500 लोगों से पूछताछ भी बेकार

निर्भया हत्याकांड में 500 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई थी। पुलिस को जब जांच में कोई तथ्य नहीं मिल पा रहे थे तब जांच संयुक्त रूप से रांची पुलिस और सीआइडी को दी गई थी। लेकिन इस मामले में सीआइडी भी कुछ खास नहीं कर पाई थी। जिसके बाद भारी जनदबाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को दे दी। सीएम की घोषणा के एक साल बाद भी इस केस को सीबीआइ ने टेकओवर नहीं किया था। राज्य सरकार अपने लेवल से सीबीआइ को तीन बार लिखित और कम से कम पांच बार मौखिक रूप से कह चुकी थी कि इस मामले की जांच शुरू करें। लेकिन इसके बावजूद टेक्निकल फॉर्मेट में डेटा रिसीव नहीं होने के कारण सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में नहीं लिया था।

28 मार्च 2018 को सीबीआई ने दर्ज किया मामला

निर्भया हत्याकांड में सीआइडी से पहले घटना की जांच जिला पुलिस ने शुरू की थी। लेकिन कुछ हासिल नहीं हो पाने के चलते एसआइटी गठित की गई। एसआइटी के साथ-साथ सीआइडी ने भी समानांतर जांच शुरू की। कोर्ट के आदेश पर कई संदिग्धों की डीएनए जांच भी कराई गई। घटना स्थल से पुलिस को जितने साक्ष्य मिले, सभी की एफएसएल जांच भी की गई थी। लेकिन कुछ खास सफलता नहीं मिलने के कारण राज्य सरकार ने जांच सीबीआइ को सौंप दी। सीबीआइ ने 28 मार्च 2018 को मामला दर्ज किया है। तब से उम्मीद जतायी जा रही है कि बूटी बस्ती की बीटेक छात्रा की हत्या के रहस्य से जल्द पर्दा उठ जाएगा। और अब जाकर जून 2019 में दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में एक स्टूडेंट को गिरफ्तार किया गया है।

पोस्टमार्टम में गैंगरेप के बाद हत्या

पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि अपराधियों ने पहले छात्रा के साथ गैंगरेप किया और फिर उसकी हत्या कर शव को जलाने की कोशिश की थी। शहर के बूटी मोड़ इलाके में एक मकान में रहकर रामटहल चौधरी इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ रही 19-वर्षीया छात्रा का शव अधजली अवस्था में सुबह उसके कमरे से बरामद किया गया था। पुलिस ने मामले को लेकर बताया था कि छात्रा की हत्या तड़के 3 बजे से 6 बजे के बीच की गई थी। इस बीच, छात्रा के पिता ने बताया था कि उनकी बेटी एक दिन पहले ही अपने घर से रांची लौटी थी। घटना वाली रात रांची के बूटी मोड़ स्थित मकान में वह अकेली थी। इस घटना ने राजधानी रांची को हिला कर रख दिया था। घटना के विरोध में स्कूली बच्चों से लेकर शहरवासी सड़कों पर उतरे थे। कई जगह कैंडल मार्च भी निकाला गया था।

कब, क्या हुआ

16 दिसंबर 2016: सुबह आठ बजे इस हत्याकांड के बारे में पुलिस को सूचना मिली, जांच शुरू हुई।

17 दिसंबर 2016: शव का अंतिम संस्कार किया गया। शक के आधार पर छह युवकों को हिरासत में लिया गया। फिर पूछताछ कर छोड़ दिया गया।

18 दिसंबर 2016: फोरेंसिक की टीम ने घटनास्थल की सूक्ष्म जांच की। शहर में इस हत्याकांड को लेकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और कैंडल मार्च निकाला।

19 दिसंबर 2016 । 1000 छात्रों ने बूटी मोड़ चौराहे को चार घंटे तक जाम किया। पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।

20 दिसंबर 2016 : पुलिस का दावा मामले का जल्द खुलासा कर लेंगे। थोड़ा वक्त जरूर लगेगा, साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।

21 दिसंबर 2016: निर्भया के कॉलेज जाकर पुलिस ने सहेलियों से पूछताछ की।

22 दिसंबर 2016 : निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए फिर सड़क पर उतरे लोग।

22 जून 2019: निर्भया हत्याकांड के ढाई साल बीत जाने के बाद सीबीआई की टीम ने बीटेक के स्टूडेंट राहुल राज को गिरफ्तार किया।