प्रेमी ने किया सरेंडर

पत्रकार निरुपमा पाठक को आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी पत्रकार प्रियभांशु ने गुरुवार को झारखंड की कोडरमा अदालत में समर्पण कर दिया है. हालांकि एडीजे प्रथम अरुण कुमार सिंह की अदालत ने प्रियभांशु की जमानत बहाल रखी है. उल्लेखनीय है कि प्रियभांशु मामला खत्म कराने को लेकर उच्च न्यायालय गया था जहां केस खत्म कर दिया गया था. लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध निरुपमा पाठक की मां सुधा पाठक ने उच्चतम न्यायालय में अपील की थी. जहां हाई कोर्ट के फैसले को रद करते हुए मामले में प्रियभांशु को ट्रायल के लिए निचली अदालत भेजा गया. उसे दो सप्ताह के अंदर निचली अदालत में समर्पण करने का आदेश मिला था.

कोर्ट ने दिया था आदेश

प्रियभांशु के अधिवक्ता राजकुमार सिन्हा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर प्रियभांशु ने एडीजे प्रथम की अदालत में समर्पण किया था. अदालत में बताया गया कि दिल्ली के एक दैनिक की पत्रकार निरुपमा पाठक का शव 29 अप्रैल 2010 को उसके झुमरीतलैया चित्रगुप्त नगर स्थित आवास में संदिग्ध अवस्था में मिला था. जांच के बाद पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला माना था और इसके लिए मृतका की मां सुधा पाठक, पिता धर्मेंद्र पाठक, भाई समरेंद्र पाठक और उसके प्रेमी प्रियभांशु रंजन को आरोपी बनाया था. जिसमें प्रियभांशु को पूर्व में जमानत मिल चुकी है.

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