रैली से कुछ देर पहले छह धमाके हुए थे जिनमें पांच लोग मारे गए हैं और 71 लोग घायल हो गए.

अपने भाषण में बिहार के इतिहास का हवाला देते हुए मोदी ने राज्य की जमकर प्रशंसा की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना मित्र बताते हुए मोदी ने उन पर जमकर तंज कसे.

नीतीश कुमार पर सीधे-सीधे विश्वासघात का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ''जो जेपी को छोड़ देता है वह भाजपा को क्यों नहीं छोड़ देगा. जो ख़ुद को लोहिया के चेले समझते हैं उन्होंने खंज़र घोंपा है और कांग्रेस के साथ आंख-मिचौली खेल रहे हैं.''

मोदी ने कहा कि बिहार ने ग़रीबों के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने दावा किया कि बीस सूत्रीय कार्यक्रम लागू करने वाले पहले पांच राज्य भाजपा शासित हैं.

उन्होंने कहा, ''आपके मुख्यमंत्री गुजरात एक शादी में आए थे. हम एक टेबल में खाना खा रहे थे. शाम का समय था. मित्र हमारे मेहमान थे. ढोकले खिलाए, खमन खिलाए. पेट भी भर गया, मन भी भर गया. इतना गौरव हुआ था क्योंकि मेहमाननवाज़ी करना हमारे देश की परंपरा है. हमने भली-भांति किया था.''

इसके साथ ही मोदी ने रैली में मौजूद लोगों का उनका शानदार स्वागत करने के लिए धन्यवाद किया.

लालू, कांग्रेस, प्रधानमंत्री निशाने पर

नीतीश को प्रधानमंत्री बनने का लालच: मोदी

 अपने भाषण में मोदी ने लालू यादव पर भी निशाना साधा और कहा, ''लालू कहते थे कि वह कभी भी मुझे प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे लेकिन जब उनका एक्सीडेंट हुआ तो मैंने उनको फ़ोन किया मगर मीडिया को नहीं बताया था. मगर लालू जी ने मीडिया को बुलाया और कहा कि देखिए मैं इतनी गालियां देता हूं लेकिन फिर भी गुजरात का मुख्यमंत्री मुझे फ़ोन करता है, हाल-चाल पूछता है. तो यदुवंश के साथ हमारा पुराना रिश्ता है, नाता है. आपको कुछ हो जाए तो आपके प्रति हमारा प्रेम स्वाभाविक है.''

अपने भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी राहुल गांधी पर टिप्पणी करने से नहीं चूके. उन्होंने राहुल गांधी को शहज़ादा कहने पर कांग्रेस के ऐतराज़ पर कहा कि अगर कांग्रेस वंशवाद छोड़ दे तो वो भी शहज़ादा कहना छोड़ देंगे.

"जो जेपी को छोड़ देता है वह भाजपा को क्यों नहीं छोड़ देगा. जो ख़ुद को लोहिया के चेले समझते हैं उन्होंने खंज़र घोंपा है और कांग्रेस के साथ आंख-मिचौली खेल रहे हैं."

-नरेंद्र मोदी

मोदी का कहना था कि देश में संप्रदायवाद फैलाने का काम राजनेताओं ने किया है. उन्होंने कांग्रेस पर विभाजन का आरोप लगया.

केंद्र की यूपीए सरकार और प्रधानमंत्री भी नरेंद्र मोदी के निशाने पर आए.

मोदी ने कहा, " जिस योजना आयोग के अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री हैं वो योजना आयोग कहता है कि अगर आपकी दिनभर की आमदनी 26 रुपए है तो आप ग़रीब नहीं है. आप बताइए ये सही है? ये मज़ाक नहीं है तो और क्या है. ग़रीबी क्या है, इनको पता ही नहीं है. भूख क्या है इनको पता नहीं है."

'न लड़ें हिंदू-मुसलमान'

साल 2002 में गुजरात दंगों के बाद विवादों में रहे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राज्य में मुसलमानों की ख़ुशहाल तस्वीर भी खींची.

मोदी ने कहा, "जो लोग मुसलमान की बात करते हैं उन्हें दो उदाहरण देना चाहता हूं. मुसलमान हज यात्रा के लिए जाते हैं. हर राज्य का कोटा तय है. बिहार का कोटा है सात या साढ़े सात हज़ार है लेकिन जाने वालों की संख्या है 6 हज़ार है क्योंकि बिहार के ग़रीब मुसलमान के पास पैसे नहीं है. वहीं गुजरात का हज कोटा साढ़े चार हज़ार है लेकिन अर्ज़ी आती है 40,000 की. ये इसलिए है क्योंकि वहां का मुसलमान सुखी है."

मोदी ने यह भी कहा कि देश को तोड़ने की नहीं, जोड़ने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि गरीब हिंदू और मुसलमानों को आपस में नहीं गरीबी से लड़ने की ज़रूरत है.

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