-लालू ने कहा call किया था नीतीश कुमार को support के लिए

-मुजफ्फरपुर गए लालू बच्चों की condition देखने

PATNA (15 June) : पहले तो जेडीयू कहते रहे कि आरजेडी ने असेंबली में अपनी मर्जी से सपोर्ट किया है, लेकिन अब राज्यसभा इलेक्शन में नीतीश कुमार को आरजेडी के सपोर्ट की जरूरत आ पड़ी है। नतीजा नीतीश कुमार उस लालू की शरण में राजनीतिक रूप से हैं जिनके शासन को वो आज तक जंगल राज का नाम देते रहे।

प्रेस कांफ्रेस कर समर्थन मांगा

नीतीश कुमार ने आरजेडी से सपोर्ट मांगने के लिए जेडीयू ऑफिस में प्रेस कांफ्रेस तक किया। यही नहीं, लालू प्रसाद को कई बार फोन भी किया। सोर्सेज बताते हैं कि मुश्किल से लालू ने नीतीश कुमार से बात की। लालू प्रसाद ने भी एक्सेप्ट किया कि सपोर्ट की खातिर नीतीश कुमार ने उन्हें फोन किया था, लेकिन वे पार्टी के एमएलए सब से बात कर ही कुछ तय करेंगे।

दमकल खोज रहे हैं नीतीश कुमार

लालू प्रसाद अपने चुटीले अंदाज के लिए जाने जाते हैं। उनके बातों के अपने किस्म के मायने होते हैं। कहने का अंदाज भी अलग किस्म का होता है। जेडीयू की हालत किसी से छिपी नहीं है। पार्लियामेंट इलेक्शन में जेडीयू ख्0 से ख् सीट पर आ गई। जिस बीजेपी का साथ छोड़ा था नीतीश कुमार ने वह आगे निकल गई। रालोसपा को जेडीयू से ज्यादा सीटें आ गईं। नीतीश कुमार ने नैतिकता के आधार पर सीएम का पोस्ट भी छोड़ दिया। अपने कैबिनेट के मिनिस्टर जीतन राम मांझी को सीएम बना दिया। राज्यसभा उपचुनाव की बारी आई तो उनकी ही पार्टी के बागी बन गए सिरदर्द। साबिर अली और ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू या पूनम देवी के तेवर देखते बन रहे हैं। एक एमएलए को निलंबित भी करना पड़ा। इस पर लालू प्रसाद ने चुटकी ली और कहा कि जेडीयू के घर में उनके अपने ही लोगों की वजह से आग लगी है और नीतीश कुमार दमकल खोज रहे हैं।

मेरी बड़ी चिंता बच्चे हैं

सूबे का राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है और दूसरी ओर लालू प्रसाद निकल पड़े मुजफ्फरपुर, जहां बच्चों की मौत लगातार इंसेफलाइटिस से हो रही है। मुजफ्फरपुर निकलने से पहले लालू प्रसाद ने पटना में कहा कि बिहार सरकार और भारत सरकार को रोग का पता नहीं चल रहा है, ये चिंताजनक है। मैं चिंतित हूं बच्चों की मौत और बीमारी से इसलिए मुजफ्फरपुर जा रहा हूं।