- देशी कंपनी को प्रोत्साहित करने का आग्रह चंद्रशेखर, ब्रह्मानंद मंडल और रघुनाथ झा ने भी किया था

-जर्मन कंपनी ल्यूकस से बेहतर बताया गया था देशी कंपनी बेल्को को, बावजूद इसके विदेशी कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप

PATNA: एक्स सीएम नीतीश कुमार से जुड़ी जो ख्77 पन्नों की जो फाइल ख्म् नवंबर ख्0क्ब् को पीएम हाउस तक पहुंची है और जिसमें अंदरुनी जांच तेज है। उसमें एक बड़ा आरोप जैक की खरीद में गड़बड़ी का भी है। ये फाइल आगे मूव भी कर गई है और जांच तेज है।

एक्स पीएम चंद्रशेखर ने लिखा था पत्र

साल ख्00ख् में जब रेल मंत्री नीतीश कुमार थे, मामला उस समय का है। लोकतांत्रिक समता दल के कन्वेनर मिथिलेश कुमार सिंह ने जो आरोप लगाए हैं उसके अनुसार देशी कंपनी बेल्को के बजाय विदेशी कंपनी ल्यूकस से जैक की खरीद की गई, जबकि इसके बारे में एक्स पीएम चंद्रशेखर ने भी नीतीश कुमार को पत्र लिखा था। ख्ब् जनवरी, ख्00ख् को चंद्रशेखर ने नीतीश कुमार को क्या पत्र लिखा था वह देखिए।

माई डियर नीतीश

मैं इस पत्र के साथ बेल्को कंपनी द्वारा समर्पित एक टिप्पणी भेज रहा हूं। इस कंपनी ने सभी क्षेत्रों में अच्छा कार्य किया है और देश की महत्वपूर्ण मांगों में आपूर्ति करने में सफलता पायी है। आपका मंत्रालय इसके उत्पादन का पहला लाभान्वित है। इस कंपनी को समर्थन एवं प्रोत्साहन मिलना चाहिए। मैं ये टिप्पणी इस उद्देश्य से भेज रहा हूं कि देश की कंपनी के दावों की भी जांच व समीक्षा कर ली जाए। यहां यह कहना अनुचित न होगा कि विदेशी कंपनियों को आपूर्ति आदेश देने के पहले भारतीय कंपनी के दावे की समीक्षा कते हुए उन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए। कृपया इस विषय को व्यक्तिगत रूप से देख लें और इस कंपनी को सहयोग प्रदान करें-आपका चंद्रशेखर।

रघुनाथ झा ने भी लिखा था पत्र

सिर्फ चंद्रशेखर ने ही पत्र लिखा था ऐसा नहीं है। तत्कालीन एमपी ब्रह्मानंद मंडल और रघुनाथ झा ने तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को पत्र लिखा था। वाजपेयी जी ने 08 अप्रैल ख्00फ् और फिर ख्फ् अप्रैल ख्00फ् को ब्रह्मानंद मंडल को जवाबी पत्र भी लिखा कि पत्र मिल गया है। ब्रह्मानंद मंडल और रघुनाथ झा ने जो पत्र लिखा था उसमें बताया था कि-

-भारतीय कंपनी बेल्को की क्वालिटी विदेशी कंपनी ल्यूकस से बेहतर थी।

-भारतीय कंपनी बेल्को के जैक का मूल्य विदेशी कंपनी ल्यूकस से कम था।

-ल्यूकस कंपनी का भारत में कोई कारखाना नहीं है। जहां गड़बड़ी होने पर जैक की मरम्मति हो सके।

-ल्यूकस कंपनी को यूरो में पेमेंट करना पड़ेगा, जबकि भारतीय कंपनी को रुपए में, इसलिए फॉरेन एक्सचेंज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

ल्यूकस प्रेम पर लगे आरोप की जांच जरूरी

इस मामले में कहा जाता है कि रेल राज्यमंत्री दिग्विजय सिंह को दरकिनार किया गया था। क्99म् में ल्यूकस ने ख्भ् जैक की आपूर्ति की थी, जिसमें से क्भ् जैक्स कार्य के योग्य नहीं पाए गए। आरोप है कि इसके बावजूद ऑर्डर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि ल्यूकस ने क्97ब् में क्0 और क्98ख् में क्7 जैक की आपूर्ति की थी। इनसे काम लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा, फिर भी अक्टूबर ख्00ख् में इस कंपनी को आदेश दिए गए। दूसरी तरफ देशी कंपनी बेल्को ने परीक्षण की मांग करते हुए कहा था कि खर्च भी वहन करने को वह तैयार है। देशी कंपनी के जैक का दो बार परीक्षण भी किया गया।

कहां गायब हो गए पत्र?

मिथिलेश सिंह ने आरोप लगाया है कि मनमोहन सिंह के समय जब सूचना मांगी गई कि रघुनाथ झा और ब्रह्मानंद मंडल के पत्र पर क्या कार्रवाई हुई, तो जवाब पीएम हाउस से कि कार्मिक को भेजा गया है। कार्मिक से जब जवाब मांगा गया तो कहा गया कि नहीं मिला है पत्र। आरोप ये है कि पत्र को गायब करा दिया गया कि जांच न हो जाए इस पर। आरोप ये भी कि आर्थिक लाभ के लिए देशी कंपनी को छोड़ जर्मनी की कंपनी से जैक लिए गए।