- नैतिक व राजनैतिक जवाबदेही लेते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दिया

- विधानमंडल दल के नेताओं के साथ संडे को मीटिंग के बाद आगे की रणनीति पर लिया जाएगा फैसला

- विधायकों को टूट-फूट से बचाने के लिए यह राजनीतिक स्टंट भी हो सकता है

- साढ़े तीन बजे सीएम व उनके मंत्रिमंडल ने गर्वनर को दिया इस्तीफा, विधानसभा को भंग नहीं किया गया

PATNA: लोकसभा में करारी हार के बाद सीएम नीतीश कुमार ने नैतिक व राजनैतिक जवाबदेही लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सीएम ने कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष से लंबी बातचीत के बाद उनके परामर्श व सहमति पर दोपहर 3.15 बजे यह निर्णय लिया गया। सीएम ने खुद व अपने मंत्रिमंडल का इस्तीफा पत्र गवर्नर डीवाई पाटिल को सौंप दिया। सीएम ने कहा कि इस्तीफा भावना में बहकर नहीं लिया गया है, बल्कि एक राजनैतिक दृष्टिकोण से लिया गया है। जनता के बीच मैंने अपने काम को आधार बनाकर कैंपेन किया, पर जनता का कुछ और ही फैसला आया। जनता के जनादेश का सम्मान करते हुए मेरी ओर से गुड बाय बिहार।

बहुमत का संकट नहीं, सरकार चाहे तो रहे

शनिवार की शाम को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी के पास बहुमत का संकट नहीं है। संडे को विधान मंडल दल की बैठक होनी है, जिसके बाद कुछ निर्णय लिया जा सकता है। आज भी बहुमत के आंकड़े पर कोई शंका नहीं है। अगर किन्हीं को लगता है कि जदयू के विधायक उनके टच में हैं, तो दरवाजा खुला हुआ है। वे सरकार बना सकते हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने सिद्धांत के रास्ते बीजेपी का साथ छोड़ा था, पर इस इलेक्शन में सिद्धांत का कोई मतलब नहीं रहा है। इस बार के चुनाव अभियान में मुद्दे की बात कम थी, आरोप-प्रत्यारोप चल रहा था। व्यक्ति टिप्पणी की जा रही थी। ऐसा मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी नहीं देखा।

अब अच्छे दिन का अनुभव कीजिए

नीतीश कुमार ने बीजेपी और मोदी पर चुटकी लेते हुए कहा कि बीजेपी ने युवाओं से रोजगार की जो उम्मीद जतायी है, वो दिलाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छे दिन आने वाले हैं। उसका अनुभव कीजिए, उम्मीद है कि सच में अच्छे दिन आ जाएं। एक सवाल के जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू के चुनाव अभियान का सीधा नेतृत्व मैं ही कर रहा था, इसलिए जो चुनाव परिणाम आए, उसके मद्देनजर मैंने इस्तीफा दिया है।

नीतीश सपोर्टर्स ने जताया विरोध

सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार के समर्थकों ने जमकर विरोध किया। लोगों का कहना था कि हमलोग नीतीश कुमार के इस फैसले से सहमत नहीं है। उन्हें फिर से सीएम के रूप में देखना चाहते हैं।

फिर से चुने जा सकते हैं नीतीश

सोर्सेज की मानें, तो संडे को चार बजे विधान मंडल की होने वाली बैठक के बाद एक बार फिर से नीतीश कुमार को सीएम बनाया जा सकता है। इसके बाद फिर से मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।

सीपीआई, कांग्रेस व निर्दलीय का समर्थन

जदयू को बिहार में सीपीआई, कांग्रेस व निर्दलीय पार्टी के विधायकों का समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि नीतीश कुमार की ओर से जल्दबाजी में लिया गया फैसला है। इसकी सूचना आलाकमान को दी गई है। वहीं, बीजेपी के नंद किशोर यादव ने इस घटनाक्रम को नाटक करार दिया है। लोजपा के चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार कई महीनों से अल्पमत में चल रही थी।

बीजेपी ने किया सीएम के इस्तीफे का स्वागत

PATNA: नीतीश कुमार के इस्तीफा देने पर बीजेपी ने स्वागत किया है। इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में पे्रस कॉन्फेंस ऑर्गनाइज किया। इसमें नीतीश कुमार के इस्तीफे को नाटक करार देते हुए स्टेट प्रेसीडेंट मंगल पांडे ने कहा कि बिहार की जनता ने नीतीश कुमार के असली चेहरे को पहचान लिया है। वहीं, नंदकिशोर यादव ने कहा कि विधानसभा भंग होना चाहिए और फिर से इलेक्शन कराया जाना चाहिए।