हुआ कुछ यूं है कि पद से हटने के बावजूद मुख्यमंत्री आवास पर कब्जा जमाए बैठे जीतन राम मांझी को आवास के बाग में लगे आम-लीची और कटहल तोड़ने से वंचित कर दिया गया है. हालाकि इस मामले में सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी. जबकि मांझी का कहना है कि उन्हें दलित होने के कारण फल तोड़ने से रोकने की घटिया राजनीति कर रहे हैं नीतीश. वहीं वर्तमान मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर इस बारे में कोई सर्कुलर आया है, तो उसकी जांच की जाएगी. उन्होंने तो यहां तक कहा है कि जहां तक बात आम, कटहल और लीची की है, तो वे अपनी तनख्वाह से मांझी को फल खरीद कर भेजना चाहते हैं. उन्होंने मांझी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोगों को बहुत कम समय में बहुत चीजों का मोह हो जाता है और वे उसे छोड़ना नहीं चाहते हैं.
ऐसे शुरू हुआ मामला
गौरतलब है कि एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास में आम और लीची के कई पेड़ हैं, साथ ही काफी सब्जियां भी बोई गई हैं. यह घर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अब तक खाली नहीं किया है. लिहाजा नीतीश कुमार ने यहां पुलिसकर्मियों की फौज तैनात कर दी है ताकि मांझी का परिवार फल-सब्जियां न तोड़ सके. इस काम में 8 सब इंस्पेक्टर और 16 कॉन्स्टेबल लगाए गए हैं. इसी के चलते दोनों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
मांझी ने कहा है कि यह नीतीश कुमार की घटिया मानसिकता है, दलित समुदाय के लोग फल न खा पाएं इस लिए नीतीश ने यह काम किया है. उन्होंने कहा कि जब लालू इस घर में रहते थे तो क्या उस समय ऐसी सुरक्षा व्यवस्था थी यहां. उधर, नीतीश ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें आवाम की चिंता है, जिन्हें आम की चिंता है उन्हें रहे.
कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दर्जन पुलिसकर्मियों को मांझी के आवास पर लगे पेड़ों की सुरक्षा में लगा दिया है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि जीतनराम मांझी और उनके परिवार के लोग आवास परिसर में लगे फल और सब्जियां न तोड़ पाएं.
Hindi News from India News Desk
National News inextlive from India News Desk