- होर्डिग से ऑटो तक पर नीतीश कुमार के पोस्टर और स्लोगन

- बीजेपी से ज्यादा आरजेडी पर बन रहा दबाव

- राहुल गांधी से एक घंटे मिलकर भी दबाव बनाया

- उधर नीतीश-राहुल मिल रहे थे इधर कांगे्रस कार्यकर्ता भिड़ रहे थे

- सीटों के बंटवारें पर चेक एंड बैलेंस का खेल चल रहा है

PATNA : राजनीति बदल गई। कभी कांग्रेस की महंगाई डायन के खिलाफ सड़क पर उतर कर आंदोलन करने वाले बिहार के सीएम नीतीश कुमार दिल्ली में कांग्रेस के युवा तुर्क नेता राहुल गांधी से सीटों के बंटवारे पर बात कर रहे हैं। ये और बात है कि उधर सीटों पर एक घंटे की बैठक दोनों नेताओं के बीच चल रही थी वहीं दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस ऑफिस सदाकत आश्रम में उस समय एक्स सेन्ट्रल मिनिस्टर गुलाम नबी आजाद के सामने ये सब हुआ। वे विधान सभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं का फीड बैक लेने पटना आए हुए थे।

कभी लालू निकट थे अब नीतीश

एक समय था बिहार में गठबंधन को लेकर लालू प्रसाद ही सोनिया गांधी या राहुल गांधी से मिल करते थे। एक दशक से ज्यादा समय तक यही चला। लेकिन अब उस नीतीश कुमार की नजदीकी कांग्रेस से ज्यादा हो गई है जो लंबे समय तक एनडीए गठबंधन में रहे। नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से सीटों पर तालमेल को लेकर भी खूब बातें कीं। इसे लालू प्रसाद के लिए झटका माना जा रहा है। बिहार में लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच चेक एंड बैलेंस का खेल पीक पर है। महाविलय की घोषणा के बावजूद इसके खटाई में चले जाने के बाद गठबंधन राग तेज है। गठबंधन होने पर सीटों के बंटवारे की बात होनी है। लेकिन आरजेडी और जेडीयू के बीच सीटों का बंटवारा हुआ नहीं कि नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से मुलाकात कर लालू प्रसाद पर प्रेशर बढ़ा दिया है। आरजेडी ने क्भ् जून को पार्टी का बड़ा आयोजन एसकेएम में करने की बात कही है। इसमें गठबंधन और उसके नेता सहित कई बातों पर बातें होंगी।

दबाव के और भी तरीके

नीतीश कुमार ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर ही लालू प्रसाद या आरजेडीय पर प्रेशर नहीं बनाया है बल्कि पटना के इनकम टैक्स चौराहे पर बड़े स्लोगन वाला पोस्टर भी लगवाया है। पोस्टर पर किसी पार्टी का नाम नहीं है कि किसने लगवाया है। इस पर लिखा है- आगे बढ़ता रहे बिहार, फिर एक बार नीतीश कुमार। यानी साफ है नीतीश कुमार को गठबंधन होने पर नेता बनाया जाए। यानी सीएम के उम्मीदवार उन्हें घोषित किया जाए। शनिवार को आरजेडी के बड़े नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने ये कहकर राजनीतिक मौसम को और गर्म कर दिया था कि जब जीतन राम मांझी बिहार के सीएम हो सकते हैं तो वे क्यों नहीं। यानी लालू प्रसाद की पार्टी में भी कई लोग सीएम की कुर्सी की ओर देख रहे हैं। जेडीयू नेता व मिनिस्टर श्याम रजक पहले ही कह चुके हैं नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही जेडीयू विधान सभा चुनाव में जाएगी।

प्रचार और दबाव एक साथ

मीठापुर टेम्पो स्टैंड में ऑटो पर नीतीश कुमार और नए नारे वाला पोस्टर लगाया। सूत्रों ने बताया कि हर पोस्टर के लिए ऑटो चालकों को भ्0 रुपये दिए गए। यह भी कहा गया कि पोस्टर चिपका रहा तो हर महीने एक सौ रुपये दिए जाएंगे। प्रचार टीम में जुटे लोगों ने चालकों को एक-एक कूपन भी दिया। कहा गया कि पांच महीने बाद इस कूपन के आधार पर पीएनएम मॉल में खाना खा सकते हैं या कोई निर्धारित राशि की खरीदारी भी कर सकते हैं।

बीजेपी के लिए सीट बंटवारा आसान नहीं

नीतीश कुमार ने जिस जीतन राम मंाझी को सीएम बनाया उन्हें उससे ज्यादा ताकत लगाकर हटाया। अब मांझी, बीजेपी से नजदीक हैं। उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर भ्0 सीटों की डिमांड रखी। ये और बात है कि बीजेपी क्भ् से ज्यादा सीटें उन्हें नहीं देना चाहती। बीजेपी को एलजेपी और रालोसपा को भी बंटवारे में सीटें देकर गठबंधन धर्म निभाना है। बीजेपी ने मांझी को क्भ् जून तक का समय दिया है। मांझी ने ये साफ-साफ फिर दुहराया है उन्हें जेडीयू छोड़ सभी पार्टियों से ऑफर है। यानी सीटों के तालमेल पर अपनी बात मनवाने के लिए वे बीजेपी को छोड़ आरजेडी के साथ भी जा सकते हैं। बीजेपी इससे होने वाले नुकसान से वाकिफ है।