सीएम ने लिखा है कि 12 वीं पंचवर्षीय योजना के लिए स्वीकृति राशि का अवशेष 902 करोड़ के लिए, जो प्रस्ताव राज्य सरकार ने भेजा है उसकी स्वीकृति प्राथमिकता के आधार पर पर करते हुए इसकी राशि इसी वित्तीय वर्ष में देकर राशि उपलध करायी जाए। इसी तरह उन्होंने दसवीं व ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत तय लंबित योजनाओं को पूरा किए जाने को ले 615 करोड़ और 12 वीं पंचवर्षीय योजना की लंबित स्कीमों को पूरा करने के लिए शेष राशि 4877.77 करोड़ रुपये रिलीज करने को लिखा है.
मात्र 8500 करोड़ रुपये ही मिले
सीएम ने पीएम को भेजे गए पत्र में कहा है कि दसवीं व ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना काल में 10520 करोड़ रुपये की योजनाएं ऊर्जा, रोड, सिंचाई, वन एवं पर्यावरण आदि प्रक्षेत्र के लिए स्वीकृत की गई.11वीं पंचवर्षीय योजना के समाप्त होने तक केंद्र सरकार ने 8500 करोड़ रुपये ही रिलीज किए। ऊर्जा क्षेत्र की लंबित योजनाएं भी अंतिम चरण मे हैं। इन्हें पूरा करने के लिए 615.90 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। ऊर्जा क्षेत्र की 8 परियोजनाएं 8308.07 करोड़ रुपये की लागत पर व रोड सेक्टर की एक परियोजना 1289.25 करोड़ रुपये की लागत पर स्वीकृत की गयी। नीति आयोग के समक्ष नयी योजनाओं की स्वीकृति के तहत 902.08 करोड़ रुपये की राशि अवशेष है.ऊर्जा क्षेत्र में स्वीकृत परियोजनाओं में 856 करोड़ रुपये का प्रस्ताव सहित अन्य योजना स्वीकृत होने के लिए लंबित है.
खेद जताया सीएम ने
सीएम ने अपने पत्र में खेद जताया कि 12 वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत स्वीकृत 10500 में अब तक मात्र 2832.62 करोड़ रुपये तथा दसवीं व ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के लिए तय 1500 में से मात्र 884.46 करोड़ रुपये ही केंद्र सरकार ने रिलीज किए हैं। राज्य सरकार अपनी निधि से अतिरिक्त राशि उपलध कराने की स्थिति में नहीं है। इस वजह से इन योजनाओं की गति धीमी हो गयी है.
लंबित योजना को पूरा करें
सीएम ने लिखा है कि 12 वीं पंचवर्षीय योजना के लिए स्वीकृति राशि का अवशेष 902 करोड़ के लिए, जो प्रस्ताव राज्य सरकार ने भेजा है उसकी स्वीकृति प्राथमिकता के आधार पर पर करते हुए इसकी राशि इसी वित्तीय वर्ष में देकर राशि उपलध करायी जाए। इसी तरह उन्होंने दसवीं व ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत तय लंबित योजनाओं को पूरा किए जाने को ले 615 करोड़ और 12 वीं पंचवर्षीय योजना की लंबित स्कीमों को पूरा करने के लिए शेष राशि 4877.77 करोड़ रुपये रिलीज करने को लिखा है।
मात्र 8500 करोड़ रुपये ही मिले
सीएम ने पीएम को भेजे गए पत्र में कहा है कि दसवीं व ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना काल में 10520 करोड़ रुपये की योजनाएं ऊर्जा, रोड, सिंचाई, वन एवं पर्यावरण आदि प्रक्षेत्र के लिए स्वीकृत की गई.11वीं पंचवर्षीय योजना के समाप्त होने तक केंद्र सरकार ने 8500 करोड़ रुपये ही रिलीज किए। ऊर्जा क्षेत्र की लंबित योजनाएं भी अंतिम चरण मे हैं। इन्हें पूरा करने के लिए 615.90 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। ऊर्जा क्षेत्र की 8 परियोजनाएं 8308.07 करोड़ रुपये की लागत पर व रोड सेक्टर की एक परियोजना 1289.25 करोड़ रुपये की लागत पर स्वीकृत की गयी। नीति आयोग के समक्ष नयी योजनाओं की स्वीकृति के तहत 902.08 करोड़ रुपये की राशि अवशेष है.ऊर्जा क्षेत्र में स्वीकृत परियोजनाओं में 856 करोड़ रुपये का प्रस्ताव सहित अन्य योजना स्वीकृत होने के लिए लंबित है।
खेद जताया सीएम ने
सीएम ने अपने पत्र में खेद जताया कि 12 वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत स्वीकृत 10500 में अब तक मात्र 2832.62 करोड़ रुपये तथा दसवीं व ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के लिए तय 1500 में से मात्र 884.46 करोड़ रुपये ही केंद्र सरकार ने रिलीज किए हैं। राज्य सरकार अपनी निधि से अतिरिक्त राशि उपलध कराने की स्थिति में नहीं है। इस वजह से इन योजनाओं की गति धीमी हो गयी है।
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