RANCHI: सिटी के मिलावटखोरों पर आखिरकार कब लगाम कसेगी। अब यह सवाल सिटी के हर यूथ, महिला, बच्चे समेत बुजुर्ग भी उठाने लगे हैं। हर बार त्योहारों से पूर्व भारी तादाद में मिलावट किए जाने की सूचनाएं जिला प्रशासन को मिलती हैं लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल छापेमारी की जाती है। फूड सैंपल जब्त किए जाते हैं और प्रारंभिक जांच में यह फेल भी हो जाते हैं लेकिन उसके बाद इन दुकानों और अधिकारियों के बीच ना जाने कौन सी मिठाई पकाई जाती है कि फाइनल रिपोर्ट सामने आ ही नहीं पाती। ना ही कोई कार्रवाई होती है।

पिछले साल हुई थी छापेमारी

इस दिवाली भी आप मिलावटी मिठाई खाने को तैयार रहें। शहर के नामी-गिरामी व बड़े से बड़े और छोटी-छोटी मिठाई दुकानों में मिलावटी मिठाई का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है। वर्ष 2018 की दीपावली से ठीक पांच दिन पहले मिठाइयों के लिए विश्वसनीय माने जाने वाले लालपुर स्थित उदय मिष्ठान्न भंडार, राजस्थान कलेवालय, चुरुवाला और गणगौर की मिठाई के सैंपल जब्त किए गए जो शुद्धता की जांच में फेल हो गए। जिला प्रशासन द्वारा इन दुकानों से जब्त मिठाइयों के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। तत्कालीन एसडीओ गरिमा सिंह ने बताया था कि फूड लैब से मिली रिपोर्ट में इन दुकानें की मिठाइयों में मिलावट पाई गई है। अब इन्हें नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है।

सात स्वीट शॉप से लिए थे सैंपल

जिला प्रशासन की ओर से दिवाली के दौरान मिलावटी मिठाई के कारोबार पर शिकंजा कसने की नीयत से अभियान चलाया गया था। तत्कालीन एसडीओ गरिमा सिंह के नेतृत्व में टीम ने मिठाई की सात दुकानों से सैंपल जांच के लिए ली थी। इनमें गणगौर, चुरूवाला, पंजाब स्वीट्स, उदय मिष्ठान्न, राजस्थान कलेवालय और हरिओम टावर के सामने की दो मिठाई दुकानें शामिल हैं। जब्त सैंपल की नामकुम स्थित फूड लेबोरेट्री में जांच कराई गई। इसमें चार मिठाई दुकानों के सैंपल में मिलावट की बात सामने आई है।

फूड सेफ्टी एक्ट के तहत एक्शन

एसडीओ गरिमा सिंह ने बताया कि मिठाई दुकानों का सैंपल सब-स्टैंडर्ड का मिला है। इन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। इतना ही नहीं, फूड सेफ्टी एक्ट के तहत इनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

त्योहारों में बढ़ जाती है मिठाई की डिमांड

त्योहारों के दौरान मिठाइयों की डिमांड काफी बढ़ जाती है। इसी का नाजायज फायदा मिठाई दुकान संचालक उठाते हैं। बाजार में वे धड़ल्ले से मिलावटी मिठाई का कारोबार करने लगते हैं। खासकर मिठाई बनाने के लिए दूध, मावे और घी की आवश्यकता होती है, लेकिन, खपत बढ़ाने के लिए मिलावट खोर इन उत्पादों को सोडा, डिटर्जेंट, कॉस्मेटिक सोडा, यूरिया का उपयोग कर मिठाई बनाते हैं और बाजार में बेचते हैं।

वर्जन

प्रशासन सही समय पर कार्रवाई करेगा, जो भी लोग मिठाइयों का कारोबार कर रहे हैं वे लोग शुद्धता और मानकों का खयाल रखें।

राय महिमापत रे, डीसी, रांची