GORAKHPUR: थानेदारों की मनमानी से अजीज आकर जनता दरबार पहुंचे पीडि़तों का दर्द सीएम योगी आदित्यनाथ ने बांटा। इसके बाद गोला थानेदार को संस्पेंड करने का आदेश दिया। लेकिन 24 घंटे बाद भी एसओ पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। इस पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब डीआईजी से संपर्क साधा तो उन्होंने बोला कि पहले मामले की जांच होगी इसके बाद कार्रवाई कर दी जाएगी। पहले भी सीएम ने गोरखनाथ एसएचओ को सस्पेंड करने का आदेश दिया था, लेकिन आदेश का पालन नहीं हुआ।

भूमि, मकान और दुकान के कब्जे को गंभीर मानें अफसर

सीएम ने साफ निर्देशित किया है कि भूमि, मकान और दुकान पर कब्जे की हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। ऐसे मामलों का तत्काल निस्तारण कराना चाहिए। सितंबर में जनता दरबार के दौरान सीएम ने बताया कि अवैध कब्जा करने वाले माफिया ऐसी कानूनी अड़चने पैदा करते हैं कि पीडि़त पक्ष मानसिक और आर्थिक नुकसान उठाता है। इससे वह परेशान होकर ज्यादा दिन तक दौड़भाग नहीं कर सकता है। लेकिन भूमि संबंधी मामलों में पुलिस की मनमानी चलती है। एसओ और चौकी प्रभारी इंटरेस्ट लेते हैं। धर्मशाला बाजार में सौनोली रोड पर भूमि पर ज्वेलरी कारोबारी दीवार चलवा रहे थे।

केस 1

दरबार से निकलते ही भूल गए अफसर

12 सितंबर 2019 को सीएम का जनता दरबार लगा था। फरियादियों ने भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत दर्ज कराई। राजेंद्र नगर मोहल्ले की महिला ने अपनी बात रखी। महिला ने कहा कि पुलिस के सहयोग से उनकी भूमि पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। महिला की शिकायत पर सीएम ने वहां मौजूद सीनियर अफसर से एसओ को सस्पेंड करने के लिए कहा। जिस थाना क्षेत्र में अवैध कब्जे की शिकायत मिले, वहां के एसओ पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अफसर उनके आदेश भूलकर चले गए।

केस 2

सीएम ने पूछा था कौन है एसओ गोला

10 फरवरी 2020 को सीएम का जनता दरबार लगा था। सुबह चार बजे से पब्लिक फरियाद लेकर पहुंच गई थी। जन सुनवाई करते हुए सीएम के सामने गोला की तमाम शिकायतें आई। अधिक शिकायत होने पर सीएम ने डीआईजी व एसएसपी से पूछ लिया कि एसओ गोला कौन है। तत्काल सस्पेंड करिए। जरूरत पड़े तो एफआईआर दर्ज कराइए, वह दूसरे फरियादी की तरफ बढ़ गए। सीएम की तल्खी पर जी सर, कहकर अधिकारियों ने मामला संभाला, लेकिन अभी तक सस्पेंशन की कार्रवाई नहीं हुई।

क्या आ रही है प्रॉब्लम

- जिले के कई थानों पर लंबे समय से एसओ और चौकी प्रभारी जमे हुए हैं।

- ज्यादा समय गुजरने से थानेदार पब्लिक की बातों को नजरअंदाज कर दे रहे हैं।

- शिकायत सामने आने पर अफसरों को मिसगाइड करने के हथकंडे अपनाए जाते हैं।

- कई मामलों में पीडि़त-शिकायकर्ता को मैनेज कर थानेदार अपनी डयूट्ी कर रहे हैं।

- अपहरण, लूट और अन्य गंभीर मामलों की शिकायत पर कार्रवाई के बजाय टालमटोल हो रही।

रोजाना 150 से 170 शिकायतें

सीओ से लेकर एडीजी ऑफिस तक करीब 150 से 170 शिकायतें पहुंचती हैं। न्याय की उम्मीद में पब्लिक हर दरबार में माथा टेकती है। कहीं से न्याय न मिलने पर उनको सीएम के सामने पेश होना पड़ता है। जुगाड़, दबाव और अन्य प्रभाव में आकर थानेदार उचित कार्रवाई नहीं करते। फर्जी मुकदमे, भूमि कब्जा करने सहित अन्य शिकायतों को जांच के नाम पर टाल दिया।

पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रकरण में एसएसपी गोरखपुर ने जांच शुरू कराई है। रिपोर्ट आते ही कार्रवाई की जाएगी।

राजेश मोदक, डीआईजी, गोरखपुर रेंज