PATNA: खून की जांच के नाम पर चल रही मनमानी पर जिन्हें कार्रवाई करनी है वही संरक्षण दे रहे हैं। पटना में इस बड़े खेल में नियम कानून सब फेल है। पटना मेडिकल कॉलेज के पास मखनियाकुआं में पैथोलॉजी एक दो नहीं दर्जनों चल रही हैं जिसमें से 90 प्रतिशत पर डॉक्टर नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग की जो टीम बनी है वह टीम सिर्फ सेटिंग पर काम कर रही है और यही कारण है कि हाईकोर्ट के गंभीर होने पर पहले न तो कोई जांच पड़ताल हुई और न ही कोई कार्रवाई। ऐसे में सवाल आम आदमी की जान के साथ हो रहे खिलवाड़ पर है।

पीएमसीएच के पास फर्जीवाड़ा

पटना मेडिकल कॉलेज के आस पास जांच घर में बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। यहां से मेडिकल कालेज की पूरी सेटिंग होती है। सूत्रों की मानें तो मेडिकल कॉलेज के कई स्टाफ यहां से सेटिंग करके खून की जांच का खेल करा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि मखनियाकुआ में खून की जांच का बड़ा खेल चल रहा है। यहां खून की जांच में सिर्फ मनमानी की जा रही है। मखनयिाकुआ में एक दर्जन से अधिक पैथेलॉजी है जहां जांच के नाम पर कोई डॉक्टर नहीं हैं। सूत्र बताते हैं यहां तो डॉक्टर होते हैं और न ही जांच करने वाला कोई एक्सपर्ट। ऐसे में सवाल यह है कि किसके संरक्षण से यह सब चल रहा है।

जिम्मेदार नहीं कर रहे कार्रवाई

पटना में चल रहे खून जांच के नाम पर बड़े खेल में डीएम से लेकर सिविल सर्जन तक जिम्मेदार हैं। सिविल सर्जन आफिस से ही पूरा खेल चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अफसरों की मानें तो डीएम को इसके लिए सबसे पहले जिम्मेदार माना जा सकता है क्योंकि पूरी व्यवस्था उनके निर्देश पर ही संचालित होती है। दूसरी जिम्मेदारी सिविल सर्जन की आती है जिन्हें टीम बनाकर छापेमारी करने के साथ कार्रवाई करानी होती है। लेकिन पटना में हाईकोर्ट की सख्ती के पूर्व तक कौन टीम थी और कहां कहां जांच कर कार्रवाई की यह किसी को पता नहीं है। अगर जांच कर कार्रवाई की गई है तो सवाल यह है कि फिर अवैध तरीके से कैसे चल रहे हैं।

अवैध रूप से चल रहे जांच केंद्रों की पड़ताल कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। किसी भी दशा में फर्जी जांच केंद्र नहीं चलने पाएंगे।

पीके झा, सिविल सर्जन, पटना