- सऊदी कमाने गए सरहरी के युवक की मौत

- सऊदी में ही अस्पताल में पड़ी है डेड बॉडी, परेशान हैं घर वाले

GORAKHPUR: घर-परिवार चलाने के लिए रोजगार सबकी जरूरत है। अपने देश में नौकरी न मिल पाए तो विदेश ही सही। क्षेत्र के हजारों युवा विदेशों में नौकरी कर अपने घर-परिवार का खर्च चला रहे हैं। लेकिन, जब वहां उनके ऊपर कोई संकट आता है तो मदद करने वाला कोई नहीं होता। सरहरी क्षेत्र का युवा भी सऊदी में कमाने गया। पासपोर्ट और वीजा के लिए पत्‍‌नी के गहने तक गिरवी रख दिए। लेकिन सऊदी में उस युवक की मौत हो जाने के बाद उसकी डेड बॉडी घर नहीं पहुंच रही। यहां युवक के घर में चार दिनों से चूल्हा नहीं जला है। विदेश भेजने वाले एजेंट्स भी किसी तरह की मदद करने को तैयार नहीं हैं। शनिवार को जुगानी के रिश्तेदारों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम दफ्तर में संपर्क करने की कोशिश तो चुनावी व्यस्तता के चलते वहां भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी।

एक साल पहले कमाने गया था जुगानी

सरहरी निवासी श्रीकिशुन यादव के बेटे जुगानी की शादी रंभा से होने के बाद परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ गई। जुगानी के कंधे पर पांच बच्चों 12 साल की शांति, शिवांगी 10 साल, सलोनी 7, सुधा 5 और दो साल के बेटे सत्यम की परवरिश के लिए जुगानी ने विदेश जाने का प्लान बनाया। पीपीगंज के बंजारा टोला निवासी एजेंट के माध्यम से उसने पासपोर्ट और वीजा तैयार किया। एजेंट ने उससे करीब तीन लाख रुपए का इंतजाम करने को कहा। विदेश जाने के लिए जुगानी ने पत्‍‌नी के गहने गिरवी रख दिए। अपने मित्रों और रिश्तेदारों से उधार लेकर जुगानी ने विदेश जाने का खर्च जुटाया। नौ नवंबर वर्ष 2015 को वह सऊदी कमाने पहुंचा। काम मिलने पर उसने परिवार की बदहाली दूर होने की बात कही तो बच्चों के चेहरे खिल गए। लेकिन तकदीर को यह मंजूर नहीं था कि जुगानी के परिवार में ज्यादा दिनों तक खुशियों की जगमगाहट बरकार रह सके।

नहीं कर पा रहे यकीन

विदेश में काफिल ने उसे नौकरी दे दी। करीब चार माह पूर्व जुगानी के दांतों में दर्द उठा। उसने अस्पताल में जांच कराई तो डॉक्टर ने दांत उखाड़ दिया। इन्फेक्शन फैलने से उसकी हालत बिगड़ गई। तैफ सिटी के किंग अब्दुल अजीज हास्पिटल में जुगानी को एडमिट कराकर काफिल ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। उसने जुगानी के घरवालों को कोई सूचना नहीं दी। सऊदी में रहने वाले एक व्यक्ति ने जुगानी की हालत की जानकारी परिजनों को दी। एक फरवरी को जुगानी के मौत की सूचना परिजनों को मिली तो गमों का पहाड़ टूट पड़ा। हालांकि परिवार के लोगों के लिए जुगानी के मौत पर यकीन करना मुश्किल था। अपने परिचितों के माध्यम से जुगानी के ससुरालियों ने जानकारी ली तो सऊदी के काफिल ने बताया कि अस्पताल में जुगानी की मौत हो चुकी है। इतना कहकर उसने फोन काट दिया। तभी से सदमे में बिलख रहा परिवार जुगानी की डेड बॉडी को वतन लाने की जुगत में लगा है। जुगानी की पत्‍‌नी को पति के मौत, बच्चों की परवरिश और पति का कर्ज चुकाने की चिंता खाए जा रही है।

इंतजाम न होने से बढ़ी परेशानी

विदेश कमाने गए लोगों के साथ किसी तरह के हादसे के बाद उनकी डेड बॉडी इंडिया लाने में काफी परेशानी होती है। जिले स्तर पर कोई ऐसा नहीं इंतजाम नहीं है जिसमें दरख्वास्त देकर परिवार के लोग शव को भारत में मंगा सके। शनिवार को जुगानी के रिश्तेदार कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन लोगों ने जानकारी लेनी चाही तो कलेक्ट्रेट के किसी दफ्तर में कर्मचारियों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। कोई मदद न मिलने से परिजन तय नहीं कर पा रहे कि आखिर किससे मिलकर गुहार लगाए जिससे जुगानी की डेड बॉडी घर आ सके।

जिले स्तर पर नहीं है इंतजाम

जानकारों का कहना है कि विदेश मंत्रालय, विदेश में भारतीय दूतावासों से संपर्क साधकर डेड बॉडी मंगाई जा सकती है। इसके लिए विदेश मंत्रालय से पत्र व्यवहार करना पड़ेगा। सवाल उठता है कि सरकार की ओर से जिले स्तर पर कोई इंतजाम नहीं होने से पीडि़त परिवार आखिर कहां-कहां भटकता रहेगा।

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