क्लास 9 से 12 के स्टूडेंट्स सीनियर्स की किताबें मांगकर कर रहे पढ़ाई

6 से 8 तक के स्टूडेंट्स आधी-अधूरी किताबों से चला रहे काम

देहरादून, प्रदेश में एससीईआरटी बुक्स को लागू करने के राज्य सरकार के फैसले से इस बार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे बुक्स और पढ़ाई को तरस रहे हैं। समर वैकेशंस से पहले बुक्स मिलने की उम्मीद भी कम नजर आ रही है। क्लास 6 से 8 तक के बच्चों को इस वर्ष बाजार से खुद ही बुक्स खरीदनी पड़ रही है। लेकिन, बाजार में बुक्स का पूरा सेट न मिलने के चलते बच्चे आधी बुक्स लेकर ही स्कूल जा रहे हैं। इधर क्लास 9 से क्लास 12 तक के बच्चे पहले से ही एनसीईआरटी सिलेबस लागू होने के चलते पुरानी बुक्स से ही काम चला रहे हैं।

क्लास 6 से 8 के स्टूडेंटस परेशान

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने फ्राइडे को पटेलनगर स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में बच्चों से बुक्स को लेकर जानकारी ली, तो क्लास 6 से 8 तक के बच्चे सबसे ज्यादा परेशान नजर आए। दरअसल एससीईआरटी बुक्स को लागू करने के फैसले के बाद से इस सत्र में बच्चों को बाजार में बुक्स ही नहीं मिल रही है, वजह पर्याप्त संया में बुक्स पलिश न होना बताया जा रहा है। कई बच्चों ने बताया कि पहले स्कूल से ही फ्री बुक्स मिल जाती थी, इस बार खुद खरीदनी पड़ रही हैं, लेकिन बुक्स महंगी होने के कारण वे खरीद नहीं पा रहे हैं। बच्चों ने बताया कि सरकार द्वारा अभी तक उनके अकाउंट में बुक्स के लिए

पैसे भी नहीं डाले गए हैं, जिसके कारण दिक्कत हो रही है।

बाजार में नहीं मिल रहीं बुक्स, कैसे करें पढ़ाई

मेरे पास आी एक ाी बुक नहीं है। सारी बुक्स नई खरीदनी पड़ेंगी। बाजार में पूरी बुक्स नहीं मिल पा रही हैं।

चांदनी, क्लास 8

इस बार एससीईआरटी की 11 बुक्स लगनी हैं। अभी तक 4 ही मिल पाई हैं, पैसे न होने के कारण भी दिक्कत है।

मोहमद फैज, क्लास 8

मार्केट में पूरा सेट नहीं मिल पाया। आधे-अधूरे सेट से ही पढ़ाई हो रही है। पहले स्कूल से बुक्स मिलती थीं, तो सुविधा थी।

शिवानी, क्लास 7

पहले पुरानी बुक्स से ही पढ़ाई कर लेते थे, अब तो नई खरीदनी पड़ रही हैं। न पैसे पूरे हैं और न ही मार्केट में किताबें पूरी।

अािषेक, क्लास 7

मिशन कोशिश से बेस सुधारने की कवायद जारी

सरकारी स्कूलों में 2 अप्रैल से मिशन कोशिश के तहत बच्चों को एजुकेशन का बेसिक कॉन्सेप्ट सिाया जा रहा है। इसके साथ ही मंथली टेस्ट द्वारा लर्निग आउटकम की भी मॉनिटरिंग की जाएगी। मिशन कोशिश समर वैकेशंस शुरू होने तक जारी रहेगा। समर वैकेशंस में स्टूडेंट्स को मिशन कोशिश के तहत सिखाए गए विषयों को लेकर होमवर्क दिया जाएगा। सीईओ ने बताया कि साी स्कूल अपने स्तर से स्टूडेंट्स के लिए होमवर्क तैयार करेंगे। परफॉरमेंस के हिसाब से ही स्टूडेंट्स को होमवर्क दिया जाएगा।

वाटर मार्क देखकर ही खरीदें बुक्स

फ्राइडे को रुड़की प्रशासन ने एक दुकान व दो गोदामों में डुप्लीकेट बुक्स का जखीरा पकड़ा था। दून में भी डुप्लीकेट बुक्स की बिक्री की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए बुक सेलर खुद ही लोगों को अवेयर कर रहे हैं और बुक्स पर वाटर मार्क देखने के बाद ही खरीदने की हिदायत दे रहे हैं। एजुकेशन डिपार्टमेंट ने भी बुक सेलर और डिस्ट्रीयूटर्स को बुक्स की डुप्लीकेसी पर नजर रखने को कहा है। कारगी स्थित साहित्य व‌र्ल्ड बुक डिपो के ओनर राजेन्द्र बहुगुणा ने बताया कि जो बुक्स ऑरिजनल होती है। उसमें फ्रंट पेज या सेकेंड पेज पर वाटरमार्क होता है, जिसमें मछली और तराजू की आकृति दिखाई देती है। इधर बुक्स के लिए पहले से परेशान पैरेंट्स अब असली-नकली बुक्स के फेर में फंसे हैं, जान से डिस्पेंसरी रोड बुक्स लेने आए राजन ने बताया कि उन्होंने जब बुक्स ारीदी तो अंदर के पेज में पूरा प्रिंट ही गायब मिला।