-नीट काउंसिलिंग के तीसरे दिन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान फिर परेशान हुए कैंडिडेट

-नए नियम लागू होने से बढ़ी है दिक्कत, इब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए तहसील के लगाने पड़ रहे चक्कर

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PRAYAGRAJ: एसआरएन हॉस्पिटल में चल रही नीट काउंसिलिंग में लागू नए नियम कैंडिडेट्स के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं। उनकी जरा सी गलती भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगाने के लिए काफी है। शुक्रवार को भी कई कैंडिडेट्स को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन पूरा न होने पर निराश होना पड़ा। यह प्रक्रिया लगातार चल रही है। रोजाना बड़ी संख्या में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन पेंडिंग हो रहा है।

यह हैं बड़ी समस्याएं

1. निवास प्रमाण पत्र का चक्कर

इस बार नीट काउंसिलिंग में निवास प्रमाण पत्र को लेकर बड़ा बदलाव हुआ है। जिन कैंडिडेट्स का निवास यूुपी में है और उन्होंने हाईस्कूल या इंटर की पढ़ाई दूसरे स्टेट से की है, उन्हें एक तय फॉर्मेट में निवास प्रमाण पत्र बनवाना होगा। इसकी एक कॉपी तहसील तो दूसरी कॉपी काउंसिलिंग सेंटर पर जमा होगी। लेकिन जानकारी नहीं होने से दर्जनों कैंडिडेट्स को वापस किया जा रहा है। जबकि कई कैंडिडेट्स द्वारा दलालों के चक्कर में फंसकर बनवाए गए निवास प्रमाण पत्र भी परेशानी का कारण बने हैं। दलालों ने बहुत से निवास प्रमाण पत्र बिना सत्यापन ही कैंडिडेट्स को सौंप दिए हैं।

2. ईडब्लूएस की सही जानकारी नहीं

इसी तरह ईब्ल्यूएस यानी इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन सर्टिफिकेट भी इस बार लगाना होगा। इसके लिए नीट काउंसिलिंग में निश्चित प्रपत्र जारी किया गया है। इसकी जानकारी भी अधिकतर कैंडिडेट्स को नहीं है। इसकी भी एक कॉपी तहसील में जमा कराई जानी है। इसमें कैंडिडेट की अटेस्टेड फोटो और डिस्पैच नंबर नहीं होने पर सर्टिफिकेट अमान्य कर दिया जा रहा है। रिजेक्ट होने पर आनन-फानन में कैंडिडेट्स को तहसील का चक्कर काटना पड़ रहा है।

3. डिसेबल्स के लिए बड़ा चैलेंज

नियम में तीसरा बदलाव खासकर दिव्यांग कैंडिडेट्स को भारी पड़ रहा है। इस बार नीट-2019 नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कराया था। उसकी ओर से जारी ब्रॉशर में दस सेंटर्स का नाम दिया गया है। यहां से बनवाया गया दिव्यांग सर्टिफिकेट ही काउंसिलिंग में मान्य होगा। ऐसा नहीं होने पर कैंडिडेट्स के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। इसके अलावा कैंडिडेट्स को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए इस बार लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। डीजी कार्यालय लखनऊ से ऑनलाइन परमिशन के बाद ही डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन शुरू होता है। इसे कैंडिडेट अपनी लॉग-इन आईडी और पासवर्ड के जरिए कर सकता है।

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सेकंड राउंड के लिए सबक

तीस जून तक प्रथम राउंड की काउंसिलिंग का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होगा। 29 जून को उन कैंडिडेट्स को बुलाया गया है जिनका डॉक्यूमेंट पूरा नहीं था। इस दौरान रिक्वॉयरमेंट फुलफिल नहीं होने पर उन्हें जुलाई के दूसरे वीक में होने वाली सेकंड राउंड काउंसिलिंग में आना होगा। पहले राउंड में गलती करने वालों के लिए यह एक सबक है। अधिकारियों का कहना है कि सेकंड राउंड में कॉलेजों में सीट मिल जाती है। लेकिन तब भी डाक्यूमेंट पूरे नहीं हुए तो इस साल एडमिशन खतरे में पड़ सकता है।

वर्जन

बड़ी संख्या में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में कमी आने पर कैंडिडेट्स को वापस जाना पड़ रहा है। कुछ नियमों बदलाव हुआ है तो कहीं जागरुकता का अभाव सामने आ रहा है। सभी को 29 जून को फिर से बुलाया गया है। पहले राउंड में यह उनका आखिरी चांस होगा।

-डॉ। आरबी कमल, इंचार्ज, नीट काउंसिलिंग