भूमिया पुल, कबाड़ी बाजार चौराहा, घंटाघर में अतिक्रमण के कारण थमी जेसीबी
3 हजार से अधिक सफाई कर्मचारी हैं निगम में
2208 अस्थाई कर्मचारी सफाई अभियान में जुटे
1076 स्थाई सफाई कर्मचारियों की फौज पिछले माह से सफाई में जुटी है
312 नाले आते हैं निगम के दायरे में
24 बड़े नाले हैं शहर में
195 तकरीबन छोटे नाले हैं शहर में
93 अन्य नाले हैं शहर में
60 प्रतिशत नालों की सफाई का काम पूरा हो चुका है विभाग के मुताबिक
Meerut । बरसात से पहले नगर निगम ने शहर को जलभराव से मुक्त करने का दावा किया है। इस दावे को साबित करने के लिए निगम अपने पूरे दल बल के साथ नालों की साफ-सफाई में जुटे हैं। इस बीच एक बड़ी समस्या है कि शहर के विभिन्न इलाकों में नाले पर अतिक्रमण बाधा बना हुआ है। अतिक्रमण के कारण नाले पूरी तरह से साफ नहीं हो पा रहे हैं।
गंदगी का अंबार
नगर निगम के दायरे में करीब 312 छोटे और बडे़ नाले आते हैं। सालभर ये नाले सिल्ट और गंदगी से अटे रहते हैं। जमा गंदगी के कारण पानी के ऊपर मोटी कूडे़ की परत बन चुकी है। ऐसे में जरा सी बारिश में नाले के पानी के साथ गंदगी सड़कों पर आ जाती है। हालांकि इस गंदगी को साफ करने के लिए गत माह से निगम ने अभियान चलाया हुआ है, जो जून माह तक चलेगा।
अतिक्रमण से रुकी अभियान
शहर के अधिकतर नाले पूरी तरह खुले हुए हैं। हालांकि शहर के बीच के रिहायशी क्षेत्र से गुजरने वाले नालों पर क्षेत्रीय लोगों ने कब्जा जमाया हुआ है। जिस कारण से नालों के सफाई अभियान पर ब्रेक लग रहा है। अतिक्रमण के कारण नाले की सिल्ट व कूड़ा हटाने में परेशानी आ रही है।
अतिक्रमण प्रभावित नाला क्षेत्र -
- घंटाघर -कबाड़ी बाजार से घंटाघर तक
- ओडियन नाला- भूमिया पुल से कबाडी बाजार चौराहे तक
- कमेला नाला- समर गार्डन, मुस्कान कालोनी, पिलोखड़ी
नालों की लंबाई-
नालों की कुल लंबाई- 239400 मीटर
बड़े नालों की लंबाई- 45900 मीटर
छोटे नालों की लंबाई- 143350 मीटर
क्षेत्रीय नालों की लंबाई- 51250 मीटर
जलभराव के मुख्य पाइंट
- नगर निगम कार्यालय के सामने घंटाघर रोड तक
- मेट्रो प्लाजा झंडे वाले की दुकान तक
- दिल्ली चुंगी के सामने
- मलियाना
- पिलोखड़ी रोड श्यामनगर
- प्रह्लाद नगर
- माधवपुरम पुलिस चौकी
- देव पार्क बागपत रोड
- सोतीगंज रोड
- जैदी सोसाइटी
- कैलाश पुरी
- गोला कुआं
नालों की सफाई का काम लगभग 60 प्रतिशत हो चुका है, लेकिन कई इलाकों में नाले पर अतिक्रमण के चलते जेसीबी से सफाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में सफाई कर्मचारी नाले में उतर कर सिल्ट व कूड़ा निकालने का काम कर रहे हैं। अतिक्रमण हटाने की बात भी चल रही है।
डॉ। कुंवर सेन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी